हर वर्ष अक्टूबर महीने के मध्य से नवंबर महीने के मध्य के बीच सूर्य नीच राशि तुला में रहता है। इस समय जिन भी बच्चों का जन्म होता है, वह कार्तिक जन्म दोष के प्रभाव में आ जाते है।
वैदिक ज्योतिष में सूर्य को सभी सितारों का राजा कहा गया है। लेकिन सभी सितारें और ग्रह सूर्य के मुताबिक कम ऊर्जावान होते है।
सूर्य हमारी जन्म कुंडली के गठन और भविष्यनिर्धारित करनेमें सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।सूर्य ब्रह्मांड केसबसे शक्तिशाली राजा है, फिर भी एक समय ऐसा होता है कि जब इनकी शक्तियाँ कम होजाती हैं।
सूर्य अपने कार्य से पीछे नहीं हटता है, सूर्य का काम है चमकना। कभी-कभी सूर्य बादलों में छिप जाता है और सूर्य को देखने के लिए बादलों के परे जाना पड़ता है। पहाड़, बादल या सितारे कोई भी सूर्य को लंबे समय तक नहीं छुपा सकता है।
इस अवधि के दौरानजिन बच्चों का जन्म होता हैउनकी जन्म कुंडलीमें सितार आमतौर पर कार्तिक जन्म दोष के शिकार होते हैं।
सूर्य एक महीने की अवधि के लिए तुला राशि में गोचर करते है और इस समय सूर्य कमजोर होता है, जो अशुभ माना जाता है। कार्तिक महीने में जन्में बच्चोंकी जन्म कुंडलीमें सूर्य कमजोर होता है, जिसे कार्तिक जन्म दोष कहते है।