ज्योतिष शास्त्र और कुंडली दोष, ज्योतिष में दोष के प्रकार और उनके उपाय | शिवॉलजी


Jyotish and Dosha

ज्योतिष और दोष

Dosha

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जीवन उतार चढ़ाव का नाम है | किस समय हमे कैसे फल प्राप्त होँगे ये हमे ज्योतिष में बनने वाले अच्छे और बुरे योग बताते है | यह दोष पूर्व जन्म के भी हो सकते हैं या फिर इसी जन्म के भी। कुंडली दोषपूर्ण होने की स्थिति में जिस ग्रह को प्रभावित करती है उसके शुभ फल जातक को नहीं मिल पाते जैसे सूर्य को ग्रहण लग जाने पर जातक के जीवन में अंधकार फैल जाता है और चन्द्रमा को ग्रहण लगने पर उसके मन की शीतलता खो जाती है और बनता हुआ काम अचानक रूक जाता हो तो इसे कुंडली दोष का प्रभाव समझ सकते हैं। अधिकतर समय व्यक्ति अपने बुरे समय में ही ज्योतिषी के पास जाता है ताकि वह ये पता कर सके की वो कौन से दोष है जिनके कारण उसके कार्य बनने में अवरोध पैदा हो रहा है | क्योंकि उसके सही निर्णय भी उसे गलत फल प्रदान कर रहे है|

   ज्योतिष में कई तरह के दोषो का वर्णन किया गया है जो व्यक्ति के जीवन को संघर्षमयी बना देते है जैसे की पितृ दोष, काल सर्प दोष, मंगल दोष, ग्रहण दोष, गुरु चांडाल दोष , केमद्रुम योग आदि |  

यदि हम सही समय पर किसी अच्छे ज्योतिषी से सलाह मश्वरा करके इन दोषो की पूरे रीतिरिवाजों के साथ शांति कराते रहे तो अपने जीवन में आने वाली समस्यों को रोक सकते है या उनकी शक्ति में कमी ला सकते है |

केमद्रुम योग स्त्रियों को मासिक धर्म सम्बन्धी दिक्कते देता है | इस योग की वजह से जातक न्यूमोनिया तथा कफजनित रोग जैसे सर्दी-जुकाम आदि से बहुत जल्दी जल्दी पीड़ित होता है |



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