ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह ही एक अकेले ऐसा ग्रह है जिनका कोई शत्रु नहीं है क्योंकि वह ज्ञान और विवेक के देवता है | ऐसा कोई नहीं है जिसे ज्ञान की आवश्यकता ना हो | ज्योतिष में बृहस्पति से बनने वाला केवल एक ही सबसे ख़राब योग है और वो है गुरु चांडाल दोष|
गुरु चांडाल दोष तब बनता है जब जन्मपत्री के 12 भावो में से किसी भी भाव में राहु और बृहस्पति ग्रह की युति हो | बृहस्पति देव ज्ञान है तो राहु भ्रम है | बृहस्पति ग्रह सत्य है और राहु का दूसरा नाम झूठ है | बृहस्पति धर्म है तो राहु आडंबर है|
जिस जातक की कुंडली में यह योग होता है वह कहता कुछ है और करता कुछ है अर्थात झूठ बोलने में माहिर होता है | वह छोटी-छोटी बातो पर निराश हो जाता है और आत्मघाती स्वभाव वाला होता है। जिस जातक की कुंडली में गुरु चांडाल योग होता है वह व्यक्ति क्रूर, धूर्त, मक्कार और षड़यंत्रकारी होता है। ऐसा व्यक्ति अपने से बड़ो और अपने गुरुजन का भी अपमान करते समय नहीं हिचकता ।
लड़कियों की कुंडली में बृहस्पति ग्रह पति का कारक होते है इसलिए यदि यह योग उनकी कुंडली में बन जाये तो उनके विवाह में धोखा मिल सकता है या विवाह ख़राब हो सकता है | गुरु चांडाल दोष की वजह से व्यक्ति को शिक्षा प्राप्त करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है|
गुरु चांडाल दोष की समय रहते ही पूजा पाठ के जरिये निवारण करवाना आवश्यक होता है वरना यह दोष समय-समय पर अपना असर दिखाता रहता है और मनुष्य का जीवन संघर्षमय बनता रहता है |