घर चाहे छोटा हो या बड़ा, सभी का सपना होता है की वो सुन्दर दिखे। एक सुन्दर घर वहां रहने वालो को एक असीम शांति प्रदान करता हैं।
लेकिन अगर आप घर को वास्तु शास्त्र के अनुसार सजाते है तो ये आपके घर के साथ आपके भाग्य में भी चार चाँद लगा देता है। आज हम आपके लिए आसान वास्तु शास्त्र के टिप्स लेकर आएं हैं।
- कार्यक्षेत्र या गृह मुखिया के कक्ष में गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर मुख के सामने लगानी चाहिए। पीठ के पीछे चित्र को लगाना दोषपूर्ण माना जाता है।
- घर के दरवाजे के ऊपर स्वास्तिक का निशाना बनाना उचित नहीं माना गया है। अगर आप दरवाजे के दोनों ओर स्वास्तिक बना कर उसके ऊपर वाले हिस्से पर ॐ या कलश बनाते है तो वो लाभदायक एवं मंगलकारी माना जाता है।
- अधिकांश लोग व्यापारिक संस्थानों में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित कर देते हैं, जो वास्तु केअनुसार उचित नहीं है। मूर्ति स्थापना के बजाय आप तस्वीरों का उपयोग कर सकते है।
- भवन के मध्य हिस्से में भगवान विष्णु अथवा सूर्य का निवास होता है। इस जगह पर कभी भी भारी वस्तु जैसे फर्नीचर, अलमारी आदि नहीं रखनी चाहिए।
- घर में पूजा स्थान का निर्माण इस तरह किया जाना चाहिए, की पूजा करने वाला इंसान पूर्व या पश्चिम दिशा में बैठकर पूजा कर सके। वास्तुशास्त्र के अनुसार, किसी देवी-देवता के विभिन्न रूपों वाली तस्वीर को एक स्थान पर रखना उचित नहीं माना गया है।
- इंद्र देव का निवास पूर्व दिशा में होता है। इस दिशा को सर्वाधिक प्रभावशाली माना जाता हैं। कार्यक्षेत्र या अन्य स्थानों पर यदि इस दिशा की ओर मुँह करके बैठा जाए तो मन को शांति प्राप्त होती है।
- उतर दिशा को कुबेर की दिशा माना गया है। इस दिशा में मूल्यवान वस्तुएं रखना शुभ माना जाता हैं।
- शौचालय से लगी दीवारों पर देवी-देवताओं के चित्र लगाना अशुभ माना जाता है। सदैव देवी-देवताओं के चित्रों को आसन बिछा कर उन पर ही रखा जाना चाहिए। ऐसा करने से उनकी कृपा दृष्टि आप पर बनी रहती हैं।
- ऐसा कहा जाता है की दक्षिण दिशा के स्वामी यम होते हैं। इसलिए कार्यक्षेत्र में दक्षिण दिशा की तरफ मुँह करके कार्य करने वाले व्यक्ति के व्यवसाय में वृद्धि होती है।ऐसा करने से बिजनेस डीलिंग में सफलता प्राप्त होती है।