हिंदू धर्म में कुंभ मेला एक महत्वपूर्ण पर्व के रूप में मनाया जाता है, जिसमें दुनियाभर से करोड़ों श्रद्धालु कुंभ पर्व स्थल हरिद्वार, प्रयाग, उज्जैन और नासिक में स्नान करने आते हैं। इनमें से प्रत्येक स्थान पर प्रति बारहवें वर्ष और प्रयाग में दो कुंभ पर्वों के बीच छह वर्ष के अंतराल में अर्धकुंभ भी होता है।
क्या होता है कुंभ मेला पर्व ?
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार यह मेला मकर संक्रांति के दिन प्रारम्भ होता है, जब सूर्य और चन्द्रमा वृश्चिक राशि में और बृहस्पति, मेष राशि में प्रवेश करता हैं। मकर संक्रांति पर बनने वाले इस योग को "कुम्भ स्नान-योग" कहते हैं। इस दिन को विशेष माना जाता है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि पृथ्वी से स्वर्गलोक के द्वार इस दिन खुलते हैं। इस प्रकार इस दिन स्नान करने से मनुष्य को स्वर्गलोक की प्राप्ति होती है। कुंभ स्नान करना साक्षात स्वर्ग दर्शन के समान माना जाता है।
2019 में कब है कुंभ मेला
14-15 जनवरी, मकर संक्रांति (पहला शाही स्नान)
21 जनवरी, पौष पूर्णिमा
31 जनवरी, पौष एकादशी स्नान
04 फरवरी, मौनी अमावस्या (मुख्य शाही स्नान, दूसरा शाही स्नान)
10 फरवरी, बसंत पंचमी (तीसरा शाही स्नान)
16 फरवरी, माघी एकादशी
19 फरवरी, माघी पूर्णिमा
04 मार्च, महाशिवरात्रि