दूसरा चंद्र ग्रहण 2019
चंद्र ग्रहण भारतीय ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है। चंद्र ग्रहण के होने पर प्रकृति और मानव जीवन में कई बदलाव देखने को मिलते हैं। ये परिवर्तन अच्छे तथा बुरे दोनों प्रकार के हो सकते हैं। आधुनिक विज्ञान में ग्रहण को एक खगोलीय घटना कहा जाता है। जिसके अनुसार जब एक खगोलीय पिंड की छाया दूसरे खगोलीय पिंड पर पड़ती है, तो ग्रहण घटित होता है। लेकिन ये पूर्ण तथा आंशिक ग्रहण समेत कई प्रकार के होते हैं। वर्ष 2019 में चंद्र ग्रहण कुल बार 2 दिखाई देगा, जिसमें से दूसरा चंद्र ग्रहण 16-17 जुलाई को लगेगा।
कब और किन-किन जगह लग रहा है चंद्र ग्रहण ?
वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण 16-17 जुलाई 2019 को दिखाई देगा। यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा, जो भारतीय समयानुसार 01:32 से लेकर 04:29 बजे तक रहेगा। यह ग्रहण भारत और अन्य एशियाई देश और दक्षिण अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा।
यह चंद्रग्रहण धनु तथा मकर राशि और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में लगेगा। धनु तथा मकर राशि और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र से संबंधित व्यक्तियों के जीवन पर इसका प्रभाव पड़ेगा। इसलिए इन राशियों और नक्षत्र से संबंधित लोगों को चंद्र ग्रहण के समय सतर्क रहने की आवश्यकता है।
सूतक काल
सूतक काल वह अशुभ समय होता है, जो ग्रहण लगने से पहले शुरू हो जाता है तथा ग्रहण समाप्त होने पर खत्म होता है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूतक काल को अच्छा समय नहीं माना जाता है, क्योंकि इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है। इस समय भगवान की पूजा, मूर्तियों को स्पर्श करना और भोजन बनाना या खाना मना होता है। लेकिन वृद्धजनों, रोगियों और बच्चों पर ग्रहण का सूतक प्रभावी नहीं होता है। इसके अलावा जिस देश या क्षेत्र में ग्रहण दिखाई देता है, सिर्फ वहीं पर उसका सूतक माना जाता है। 16 जुलाई को सूतककाल दोपहर 03:55 से प्रारंभ होकर 17 जुलाई के प्रात: 04:29 बजे तक रहेगा।
आंशिक चंद्र ग्रहण क्या होता है ?
पृथ्वी चंद्रमा को आंशिक रूप से ढकती है, तो उस स्थिति में आंशिक चंद्र ग्रहण होता है।