Grahan ke Samay Kya Kare Kya Na Kare?
हिंदू धर्म में ग्रहण को एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण के समय भगवान पर कष्ट होता है। लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार, यह एक खगोलिय घटना है, जिसमें पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा तीनों एक ही सीधी रेखा में आ जाते हैं।
ग्रहण में क्या नहीं करना चाहिए ?
- हिंदू शास्त्रों में बताया गया है कि ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
- ग्रहण काल में भोजन नहीं करना चाहिए। ग्रहण के समय घर में रखा हुआ भोजन दोबारा प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- ग्रहण के समय मनुष्य को बाल कटवाना, नाख़ून काटना आदि कार्यों को नहीं करना चाहिए।
- ग्रहणकाल में भगवान की मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए।
- सूतक के समय सिलाई-कढ़ाई का कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ और नया काम आरम्भ नहीं करना चाहिए।
ग्रहण में क्या करना चाहिए ?
- ग्रहणकाल के वक़्त पक्षियों को अन्न, गायों को घास, जरूरतमंदों को वस्त्रदान करने से पुण्य प्राप्त होता है।
- ग्रहण के समय भगवानों के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
- ग्रहणकाल के दौरान तुलसी पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए। आप सूतक से पहले ही तुलसी पत्ता तोड़कर पक्के भोजन, दूध और दही में डाल सकते है।
- यदि आप किसी तीर्थयात्रा पर है तो स्नान कर जप और दान कर सकते है।
- ग्रहण के बाद हवन करें और पूरे घर में गंगाजल छिड़क कर शुद्ध करे। ऐसा करने से आपको
रोगों से छुटकारा मिल सकता है।