मनुष्य के जीवनयापन का प्रमुख स्त्रोत होता है व्यापार। एक तरफ जहां व्यापार में उन्नति, समृद्धि और बरकत हो तो व्यक्ति के जीवन को धन-संपदा, वैभव और सांसारिक सुखों से परिपूर्ण बनाता है। वही व्यापार में अड़चनें, नुकसान और धन हानि इंसान को कंगाल बनाने की भी क्षमता रखता है। ग्रहों से बनने वाला अशुभ योग भी कारोबार को आर्थिक रूप से प्रभावित करता है। व्यापार में हो रही अप्रत्याशित वृद्धि से जलकर भी शत्रु द्वारा किये जा रहे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रहार जैसे जादू-टोना, बुरी नज़र आदि हमारे व्यापार को बर्बादी की कगार पर लाकर खड़ा कर देता है। व्यापार की तरक्की अवरुद्धहो जाए, हर काम में बाधाएं उत्पन्न होने लगे, कारोबार में गिरावट, अचानक धन हानि आदि समस्याओं को व्यापार वृद्धि पूजा से दूर किया जा सकता है।
दीपावली का त्यौहार पांच दिन तक निरंतर मनाया जाता है। इस पर्व के दौरान हर दिन एक विशेष देवी-देवता को समर्पित होता है। इस पर्व के 5 दिनों में क्रमशः धनतेरस, नरकचतुर्दशी या छोटी दीवाली, दीपावली, गोवर्धन, भाईदूज को मनाया जाता है। दीपावली के दौरान काली पूजा, हनुमान पूजा, कुबेर पूजा,यमराज पूजा और बही-खाता पूजन भी किया जाता है। यह पूजा व्यापारी, दुकानदार और कारोबारी करते है। इस दिन से व्यापारियों का नया साल शुरू होता है।
व्यापार समस्याओं का अंत व्यापार वृद्धि पूजा से ही किया जा सकता है। व्यापार वृद्धि पूजा कोहम आपकी ओर से संपन्न कर सकते है। हमारे अनुभवी पंडितों द्वारा वैदिक रीतियों के अनुसार व्यापार वृद्धि पूजा को किया जाएगा। व्यापार वृद्धि पूजा को करने के लिए आपको नीचे दी गयी जानकारी हमारे साथ साझा करनी होगी।
व्यापार वृद्धि पूजा को अनुभवी पंडितों द्वारा पारंपरिक रूप से किया जाएगा जिससे भक्त की मनोकामना पूर्ण हो सके। यह पूजा मुख्य रूप से आपके नाम और संकल्प (मनोकामना) को ध्यान में रखते हुए की जाती है। व्यापार वृद्धि पूजा के संपन्न होने के बाद सिद्ध पूजा प्रसाद प्रयोग विधि सहित आपके दिए पते पर भेज दिया जाता है।