Book Mahalakshmi Puja at Diwali | Shivology

Mahalakshmi Puja at Diwali | बुक करें महालक्ष्मी पूजन इस दिवाली




Description

देवी लक्ष्मी धन-धान्य, संपत्ति और सौभाग्य की देवी हैं। महालक्ष्मी सागर मंथन के दौरान समुद्र से उत्पन्न हुई थी। जगत के पालनहार भगवान विष्णु की अर्धांगिनी और विश्व का संचालन करने वाली तीन देवियों में से एक है माँ लक्ष्मी। यह सामान्य व्यक्ति के जीवन में धन के महत्व को दर्शाती है। देवी लक्ष्मी का पूजन करने से भक्त के जीवन मे  सौभाग्य, पवित्रता, ऐश्वर्य, धन, वैभव, ख़ुशियों का आगमन होता है। महालक्ष्मी की पूजा-अनुष्ठान करने से देवी अपने भक्तों के जीवन से दुख, निर्धनता, संतानहीनता और समस्त समस्याओं का निराकरण करती है, साथ ही भक्त को व्यापार समेत चौतरफ़ा वृद्धि से परिपूर्ण कर देती है। महालक्ष्मी पूजा करने से भगवान श्रीहरि की कृपा भी प्राप्त होती है।

 

दिवाली के 5 दिन का महत्व (Importance of Diwali's 5 Days Festivals)

दीवाली का त्यौहार शुभ संयोग के साथ आता है। इस त्यौहार के अंतर्गत पांच त्यौहार आते है और हर एक पर्व का अपना विशेष महत्व होता है। दीवाली के पांच दिनों में आने वाला पहला त्यौहार धनतेरस होता है जिसके बाद छोटी दीवाली, महालक्ष्मी पूजा या बड़ी दीवाली, गोवर्धन पूजा और अंत मे भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। दिवाली के दिन काली पूजा का भी विधान है।

 

महालक्ष्मी पूजा लाभ (Benefits of Mahalakshmi Puja at Diwali)

  • धन का आभाव, आर्थिक तंगी, बढ़ते कर्ज़ से मुक्ति, बरकत और धन लाभ के अवसर को बढ़ाने के लिए।
  • व्यापार में लगातार हो रहे घाटे, नुकसान और धन हानि की समस्याओं के अंत के लिए।
  • लंबे समय से परेशान कर रहे रोगों और निरंतर बिगड़ते स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए।
  • अकारण ही परिवार या पति-पत्नी में हो रहे कलह, विवाद को खत्म करने के लिए।
  • संतानहीनता की समस्या का अंत और एक स्वस्थ संतान की प्राप्ति के लिए।
  • धन, सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य, शांति औऱ भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए।
  • घर-परिवार और व्यापार में सदैव लक्ष्मी का वास बनाए रखने के लिए।

 

वैदिक रिवाजों द्वारा महालक्ष्मी पूजा-अनुष्ठान

अपनी धन समस्याओं के निवारण और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए, आप हमसे महालक्ष्मी पूजा संपन्न करवा सकते है। हमारे अनुभवी पंडितों द्वारा महालक्ष्मी पूजा को वैदिक रीति-रिवाजों के अनुसार किया जाएगा। महालक्ष्मी अनुष्ठान के लिए आपको नीचे दी गई जानकारी साझा करनी होगी।

  1. जन्म तिथि,
  2. जन्म स्थान,
  3. जन्म समय,
  4. गौत्र,
  5. पूजा का उद्देश्य

 

महालक्ष्मी पूजा के प्रमुख अंग

  • कलश स्थापना,
  • गणेश पूजा,
  • संकल्प,
  • नवग्रह मंत्रोचारण,
  • लक्ष्मी स्त्रोत,
  • महालक्ष्मी यंत्र पूजा

अनुभवी ब्राह्मणों द्वारा वैदिक रीति रिवाजों से पूजा करने पर जातक को देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। महालक्ष्मी पूजा संपन्न करने के बाद सिद्ध पूजा प्रसाद प्रयोग विधि सहित आपके दिए गए पते पर भेज दिया जाता है।

All the rituals will be performed under the guidance of Swami Gagan

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