Book Kuber Puja at Diwali | Shivology

Kuber Puja at Diwali | बुक करें कुबेर पूजा इस दिवाली




Description

कुबेर देव धन के सबसे बडे देवताओँ में से एक है। यदि धन की देवी माँ लक्ष्मी है तो भगवान कुबेर धन के प्रमुख देवता है। यह ब्रह्मांड के साथ समस्त देवताओँ के भी कोषाध्यक्ष है। संसार मे जितने भी गुप्त या प्रकट वैभव है उन सबके अधिष्ठाता देव कुबेर है। महालक्ष्मी उस स्थान पर निवास नही करती है जहां भगवान कुबेर की पूजा नही की जाती है। कुबेर की उपासना से भक्त को उदारता, सौम्यता, शांति और तृप्ति की प्राप्ति होती है। यह भक्त के लिए अपने ख़ज़ाने के द्वार खोल देते है जिससे जातक को कभी भी धन समस्याओं का सामना नही करना पड़ता है।भगवान कुबेर की पूजा करने से जातक को भगवान शिव की भी कृपा प्राप्त होती है क्योंकि देव कुबेर के परम मित्र है भगवान शिव।

 

दीवाली के पांच दिन का महत्व

दीपावली का त्यौहार पांच दिन तक मनाया जाता है। इस दौरान हर दिन एक विशेष देवी या देवता को समर्पित होता है। पहले दिन धनतेरस या कुबेर पूजा, दूसरे दिन नरक चतुर्दशी व काली पूजा या छोटी दीवाली, तीसरे दिन महालक्ष्मी-गणेश पूजा या दीवाली, चौथे दिन गोवर्धन पूजा और पांचवे दिन भाई दूज मनाया जाता है।

 

कुबेर पूजा लाभ

  • आर्थिक तंगी, धन का अभाव, बढ़ते कर्ज़ के अंत और धन लाभ के अवसरों में बढ़ोतरी के लिए।
  • व्यापार में हो रहे अकारण घाटा, नुकसान व धन हानि को रोकने औऱ व्यापार में वृद्धि के लिए।
  • लंबी बीमारी, निरंतर बिगड़ते स्वास्थ्य में सुधार और निरोगी व स्वस्थ जीवन की प्राप्ति के लिए।
  • परिवार में हो रहे कलह, विवाद या मनमुटाव को समाप्त कर शांति और सौहार्द की स्थापना के लिए।
  • सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य और सांसारिक सुखों की प्राप्ति के लिए।
  • परिवार और व्यापार में सदैव धन,बरकत और लक्ष्मीका वास बनाए रखने के लिए।
  • जीवन के निश्चित लक्ष्यों को बिना किसी समस्या के सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए।

 

वैदिक रीति-रिवाजों द्वारा कुबेर पूजा

कुबेर पूजा से प्रसन्न होकर भगवन कुबेर उपासक का जीवन रिद्धि-सिद्धि और वैभव से परिपूर्ण कर देते है। आप हमारे द्वारा कुबेर पूजा करवा सकते है। हमारे अनुभवी पंडितों द्वारा कुबेर पूजा को वैदिक रीति-रिवाजों के अनुसार किया जाएगा। आपको पूजा संपन्न करवाने के लिए नीचे दी गई जानकारी को हमारे साथ साझा करना होगा। जो इस प्रकार है -

  1. पूरा नाम,
  2. जन्म तिथि,
  3. जन्म समय
  4. गौत्र,
  5. पूजा का उद्देश्य

 

कुबेर पूजा के प्रमुख अंग

  • कलश स्थापना
  • नवग्रह मंत्र जाप
  • देवी-देवताओं का आह्वान
  • लक्ष्मी स्त्रोत
  • कुबेर मंत्र जाप,
  • कुबेर यंत्र पूजा
  • सकल्प

कुबेर पूजा को अनुभवी पंडितों द्वारा वैदिक रीति-रिवाजों से सम्पन्न करने से जातक को कुबेर देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह पूजा मुख्य रूप से आपके नाम और संकल्प (मनोकामना) को ध्यान में रखते हुए की जाती है। कुबेर पूजा करने के बाद सिद्ध पूजा प्रसाद प्रयोग विधि सहित आपकेदिए गए पते पर भेज दिया जाता है।

All the rituals will be performed under the guidance of Swami Gagan

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