कुबेर देव धन के सबसे बडे देवताओँ में से एक है। यदि धन की देवी माँ लक्ष्मी है तो भगवान कुबेर धन के प्रमुख देवता है। यह ब्रह्मांड के साथ समस्त देवताओँ के भी कोषाध्यक्ष है। संसार मे जितने भी गुप्त या प्रकट वैभव है उन सबके अधिष्ठाता देव कुबेर है। महालक्ष्मी उस स्थान पर निवास नही करती है जहां भगवान कुबेर की पूजा नही की जाती है। कुबेर की उपासना से भक्त को उदारता, सौम्यता, शांति और तृप्ति की प्राप्ति होती है। यह भक्त के लिए अपने ख़ज़ाने के द्वार खोल देते है जिससे जातक को कभी भी धन समस्याओं का सामना नही करना पड़ता है।भगवान कुबेर की पूजा करने से जातक को भगवान शिव की भी कृपा प्राप्त होती है क्योंकि देव कुबेर के परम मित्र है भगवान शिव।
दीपावली का त्यौहार पांच दिन तक मनाया जाता है। इस दौरान हर दिन एक विशेष देवी या देवता को समर्पित होता है। पहले दिन धनतेरस या कुबेर पूजा, दूसरे दिन नरक चतुर्दशी व काली पूजा या छोटी दीवाली, तीसरे दिन महालक्ष्मी-गणेश पूजा या दीवाली, चौथे दिन गोवर्धन पूजा और पांचवे दिन भाई दूज मनाया जाता है।
कुबेर पूजा से प्रसन्न होकर भगवन कुबेर उपासक का जीवन रिद्धि-सिद्धि और वैभव से परिपूर्ण कर देते है। आप हमारे द्वारा कुबेर पूजा करवा सकते है। हमारे अनुभवी पंडितों द्वारा कुबेर पूजा को वैदिक रीति-रिवाजों के अनुसार किया जाएगा। आपको पूजा संपन्न करवाने के लिए नीचे दी गई जानकारी को हमारे साथ साझा करना होगा। जो इस प्रकार है -
कुबेर पूजा को अनुभवी पंडितों द्वारा वैदिक रीति-रिवाजों से सम्पन्न करने से जातक को कुबेर देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह पूजा मुख्य रूप से आपके नाम और संकल्प (मनोकामना) को ध्यान में रखते हुए की जाती है। कुबेर पूजा करने के बाद सिद्ध पूजा प्रसाद प्रयोग विधि सहित आपकेदिए गए पते पर भेज दिया जाता है।