धन-धान्य की देवी महालक्ष्मी का ही एक रूप है कनकधारा। यदि धन और आर्थिक तंगी से गुज़र रहे इंसान के द्वारा कनकधारा पूजा की जाती है तो देवी तुरंत अपनी शरण मे आये भक्त को राहत प्रदान करती है। यह विशेषता ही देवी कनकधारा को सब देवी-देवताओं से अलग बनाती है। माँ कनकधारा की उपासना से शीघ्र ही जातक की दरिद्रता का अंत और सुख, समृद्धि, यश व कीर्ति की प्राप्ति होती है। देवी आपके जीवन मे आ रही समस्याओं, कष्टों, दुखों, धन और व्यापार से जुड़ी परेशानियों से मुक्ति प्रदान करती है। जगत के पालनहार भगवान विष्णु की अर्धागिनी है माँ लक्ष्मी। कनकधारा पूजा से जातक को श्रीहरि विष्णु की भी कृपा प्राप्त होती है।
दीवाली पांच दिन का उत्सव है जिसमे हर दिन एक विशेष देवी-देवताओं को समर्पित होता है। इस पर्व के 5 दिनों में क्रमशः धनतेरस, नरकचतुर्दशी या छोटी दीवाली, लक्ष्मी पूजा या दीपावली, गोवर्धन, भाईदूज को मनाया जाता है। दीपावली के दौरान काली पूजा, हनुमान पूजा और यमराज पूजा भी की जाती है।
आर्थिक तंगी से उबरने के लिए कनकधारा पूजा फायदेमंद सिद्ध होती है। आप कनकधारा पूजा हमारे द्वारा संपन्न करवा सकते है। हमारे अनुभवी पंडितों द्वारा वैदिक रीति-रिवाज़ों के अनुसार कनकधारा पूजा को किया जाएगा। कनकधारा पूजा को संपन्न करने के लिए आपको नीचे दी गयी जानकारी हमारे साथ साझा करनी होगी।
अनुभवी पंडितों द्वारा पारंपरिक रूप से पूजा करवाने से जातक पर देवी कनकधारा की कृपा और आशीर्वाद बना रहता है। यह पूजा मुख्य रूप से आपके नाम और संकल्प (मनोकामना) को ध्यान में रखते हुए की जाती है।कनकधारा पूजा के संपन्न होने के बाद सिद्ध पूजा प्रसाद प्रयोग विधि सहित आपके दिए पते पर भेज दिया जाता है।