Book Kaali Puja at Diwali | Shivology

Kaali Puja at Diwali | बुक करें काली पूजा इस दिवाली




Description

देवी दुर्गा का सबसे विध्वंसक और विनाशकारी रूप है माँ काली। यह सदैव दुष्टों का संहार करती है और एक जागृत देवी है। देवी काली की पूजा सबसे अधिक तांत्रिकों द्वारा सिद्धियां की प्राप्ति और तंत्र-मंत्र में की जाती है। साधारण लोगों द्वारा माँ काली की पूजा बिना गुरु के नही की जाती है। देवी काली की आराधना से भय नाश, सुख, शांति, विद्या, आरोग्य की प्राप्ति, स्वयं की सुरक्षाऔर शत्रु का नाश होता है। इनकी उपासना से किसी भी तांत्रिक  क्रियाओं का भक्त पर असर नही होता है। भगवान शिव संहार के अधिपति देवता है तो संहार की अधिष्ठात्री देवी माँ काली है। देवी काली की बुराइयों और अंहकार का काल माना जाता है।

 

दीवाली: पांच दिन का महत्व

दीपावली का पर्व पांच दिन तक मनाये जाने वाला त्यौहार है। दीवाली का हर दिन एक विशेष भगवान को समर्पित होता है। पहले दिन धनतेरस, दूसरे दिन नरक चतुर्दशी व काली पूजा या छोटी दीवाली, तीसरे दिन महालक्ष्मी पूजा या दीवाली, चौथे दिन गोवर्धन पूजा और पांचवे दिन भाई दूज मनाया जाता है।

 

काली पूजा के लाभ

  • शत्रु व विरोधी को शांत करने, उनके द्वारा किये जा रहे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रहार से सुरक्षा के लिए।
  • व्यापार में हो रहे नुकसान, घाटा और अकारण धन हानि की समस्याओं के निवारण के लिए।
  • निरंतर बिगड़ते स्वास्थ्य, लंबे अर्से से परेशान कर रहे रोगोंको दूर और निरोगी जीवन प्राप्त करने के लिए।
  • बिना कारण ही परिवार या पति-पत्नी में हो रहे तनाव, मनमुटाव और कलह के अंत और सुखी जीवन के लिए।
  • धन सम्बंधित समस्याओं जैसे आर्थिक तंगी, क़र्ज़ का निरंतर बढ़ना और आय का कम होना आदि से मुक्ति के लिए।
  • तांत्रिक क्रियाओं और नकारात्मक ऊर्जा के बुरे प्रभावों को दूर करने और इनसे सुरक्षा प्राप्ति के लिए।

 

 

वैदिक रीति-रिवाजों द्वारा काली पूजा

देवी काली शरण में आने वाले भक्त का माँ की भांति ख्याल रखती है। आप काली पूजा हमारे द्वारा संपन्न करवा सकते है। हमारे अनुभवी पंडित द्वारा काली पूजा को वैदिक रीति-रिवाजों के अनुसार किया जाएगा। आपको पूजा संपन्न करवाने के लिए नीचे दी गई जानकारी को हमारे साथ साझा करना होगा। जो इस प्रकार है -

  1. पूरा नाम,
  2. जन्म तिथि,
  3. जन्म समय
  4. जन्म स्थान,
  5. गौत्र,
  6. पूजा का उद्देश्य

 

काली पूजा के प्रमुख अंग

  • कलश स्थापना,
  • सकंल्प,
  • गणेश पूजन,
  • नवग्रह पूजन,
  • देवी काली की पूजा,
  • काली यंत्र पूजा,
  • यज्ञ

 

अनुभवी पंडितों द्वारा वैदिक रिवाजों से काली पूजा सम्पन्न करने से जातक को देवी काली की कृपा प्राप्त होती है। काली पूजा करने के बाद सिद्ध पूजा प्रसाद प्रयोग विधि सहित दिए गए पते पर भेज दिया जाता है।

All the rituals will be performed under the guidance of Swami Gagan

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