देवी दुर्गा का सबसे विध्वंसक और विनाशकारी रूप है माँ काली। यह सदैव दुष्टों का संहार करती है और एक जागृत देवी है। देवी काली की पूजा सबसे अधिक तांत्रिकों द्वारा सिद्धियां की प्राप्ति और तंत्र-मंत्र में की जाती है। साधारण लोगों द्वारा माँ काली की पूजा बिना गुरु के नही की जाती है। देवी काली की आराधना से भय नाश, सुख, शांति, विद्या, आरोग्य की प्राप्ति, स्वयं की सुरक्षाऔर शत्रु का नाश होता है। इनकी उपासना से किसी भी तांत्रिक क्रियाओं का भक्त पर असर नही होता है। भगवान शिव संहार के अधिपति देवता है तो संहार की अधिष्ठात्री देवी माँ काली है। देवी काली की बुराइयों और अंहकार का काल माना जाता है।
दीपावली का पर्व पांच दिन तक मनाये जाने वाला त्यौहार है। दीवाली का हर दिन एक विशेष भगवान को समर्पित होता है। पहले दिन धनतेरस, दूसरे दिन नरक चतुर्दशी व काली पूजा या छोटी दीवाली, तीसरे दिन महालक्ष्मी पूजा या दीवाली, चौथे दिन गोवर्धन पूजा और पांचवे दिन भाई दूज मनाया जाता है।
देवी काली शरण में आने वाले भक्त का माँ की भांति ख्याल रखती है। आप काली पूजा हमारे द्वारा संपन्न करवा सकते है। हमारे अनुभवी पंडित द्वारा काली पूजा को वैदिक रीति-रिवाजों के अनुसार किया जाएगा। आपको पूजा संपन्न करवाने के लिए नीचे दी गई जानकारी को हमारे साथ साझा करना होगा। जो इस प्रकार है -
अनुभवी पंडितों द्वारा वैदिक रिवाजों से काली पूजा सम्पन्न करने से जातक को देवी काली की कृपा प्राप्त होती है। काली पूजा करने के बाद सिद्ध पूजा प्रसाद प्रयोग विधि सहित दिए गए पते पर भेज दिया जाता है।