सती व्रत पूजा
हमारे देश में सदियों से पतिव्रता स्त्रियां रही है जिन्होंने अपने सतीत्व से अपने पति की प्राणो की रक्षा की है।आज भी हमारे देश में ऐसे कई व्रत महिलाओं द्वारा रखे जाते है जो उनकी पति की रक्षा करते है। ऐसे ही व्रतों में से एक है सती व्रत। इस व्रत को करने से स्त्री अपने पति की लम्बी आयु की प्रार्थना करती है। चलिए जानते है इस व्रत के बारे में।
कब मानते है सती व्रत
ज्येष्ठ मास की शुकल पक्ष की चतुर्थी को सती व्रत रखा जाता हैं।
इस व्रत को अति शुभ माना जाता है।
सती व्रत के दिन भगवान गणेश के अनिरुद्ध रूप की पूजा की जाती है।
ऐसा कहा जाता है की इस व्रत को करने से आपकी मनोकामना पूरी होती है।
सती पूजा के लिए आवश्यक जानकारी
सती पूजा को संपन्न कराने के लिए हमें निम्नलिखित जानकारी की आवश्यकता होती है।
जन्मतिथि, जन्म का समय, जन्म स्थान, गोत्र आदि जरूर दे।
यदि आप एक से अधिक लोगों के नाम पर सती पूजा संपन्न कराना चाहते हो तो आपको हमें उनकी नाम, जन्म तिथि, जन्म स्थान और गोत्र आदि की जानकारी देनी जरुरी हैं।
सती पूजा किस तरह संपन्न होगी
पूजा के लिए सभी जानकारी हमें प्राप्त होने के बाद आपको सती पूजा की दक्षिणा देनी होगी।
पूजा की राशि अदा करने के बाद हम आपको सती पूजा का मुहर्त बताएंगे।
सती पूजा कितने दिनों तक चलेगी और पूजा में कितने पंडित शामिल होंगे।
यह सारी जानकारी आप को सती पूजा से पहले ही दे दी जाती है।
पूजा समाप्त होने के बाद सती पूजा का प्रसाद आपके दिए हुए घर के एड्रेस पर भेज दिया जाएगा।
यदि आपके मन में भी सती व्रत पूजा से सम्बंधित कोई भी सवाल है तो आप हमें कॉल कर जानकारी प्राप्त कर सकते है।
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