गायत्री मंत्र का जाप
हिंदू धर्म में मंत्र जप एक ऐसा उपाय है, जिससे मनुष्य की सभी समस्याएं दूर हो जाती है। शास्त्रों में मंत्रों को बहुत शक्तिशाली बताया गया है और इन्हीं मंत्रों में से एक गायत्री मंत्र है। इस मंत्र का जाप करने से बहुत जल्दी ही शुभ फल प्राप्त होता है। गायत्री मंत्र का जाप करने से पढाई, विवाह, धन प्राप्ति, गंभीर बीमारी जैसी समस्याओं से छुटकारा पा सकते है। मनचाही वस्तु की प्राप्ति और इच्छा पूर्ति के लिए गायत्री मंत्र का जाप करना सर्वश्रष्ठ माना गया है।
गायत्री मंत्र को मंत्रराज होने का सम्मान प्राप्त है, इस मंत्र की महिमा अपरंपार है। यदि इस मंत्र का सम्पूर्ण विधि विधान के साथ जप किया जाए, तो आपकी मनोवांछित कामना की पूर्ति होती है।
गायत्री जपं कब है ?
इस साल गायत्री जपं 27 अगस्त 2018 को है।
पूजा विधि
- अगर कोई व्यक्ति गायत्री मंत्र का जाप करना चाहता है, तो उस व्यक्ति को सबसे पहले स्नान करके, उसके बाद माँ गायत्री के चित्र या मूर्ति के सामने धूप, दीप, अक्षत, पुष्प आदि से पूजा करें।
- गायत्री मंत्र का जाप दिन में तीन बार कर सकते है।
- पहले गायत्री मंत्र का जाप सूर्योदय से पहले शुरू कर देना चाहिए और सूर्योदय के बाद तक करना चाहिए।
- दूसरा, दोपहर के समय इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
- तीसरा संध्याकाल के समय में इस मंत्र का जाप शुरू करके सूर्यास्त के बाद तक करना चाहिए।
- गायत्री मंत्र का जाप करने के लिए रूद्राक्ष की माला का प्रयोग करना सबसे उत्तम होता है।
- इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए।
- घर के मंदिर में या किसी पवित्र स्थान पर गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।
इस मंत्र का जाप करते वक्त ध्यान रहे कि मंत्र का उच्चारण शुद्ध हो और इस मौन रूप में जाप करना चाहिए।