नाग पंचमी
हिंदू धर्म में नाग देवताओं को अहम स्थान दिया गया है। भगवान शिव के गले में स्थान पाने की वजह से नागों की हिंदू धर्म में विशेष पूजा की जाती है। नाग पंचमी सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन सभी शिव मंदिर में बाबा भोलेनाथ और उनके प्रिय नागों के लिए विशेष जलाभिषेक होता है। ऐसा माना जाता है कि इस विशेष त्यौहार पर नाग देवता की पूजा की जाए, तो सर्प का भय दूर हो जाता है। नाग पंचमी का दिन पूरे भारत वर्ष में बडे ही हर्षौल्लास के साथ मनाया जाता है।
नाग पंचमी दिंनाक और मुहूर्त
इस साल नाग पंचमी 15 अगस्त 2018 को मनाई जाएगी।
इसका शुभ मुहुर्त सुबह के 05:54 से 08:30 बजे तक है।
पूजा विधि
- इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
- भोजन के लिए सभी घरों का अपना-अपना नियम होता है और उसी अनुसार भोग बनता है, जैसे कई घरों में दाल बाटी, बासी भोजन या खीर पुरी बनती है। इसी तरह से सभी अपने हिसाब से भोग तैयार करते है।
- नाग पंचमी के दिन अपने घर के दरवाजे के दोनों ओर गोबर से सर्पों की आकृति बनाते है। कई घरों में सर्प की आकृति कागज पर बनाई जाती है और उनकी पूजा की जाती है।
- इसके बाद भक्तिभाव से ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए और उसके बाद स्वयं भोजन को ग्रहण करना चाहिए।
- नाग पंचमी के दिन सर्पों को दूध पिलाने की प्रथा प्राचीन काल से ही चली आ रही है, साथ ही इस दिन सपेरे को दान भी दिया जाता है।
- इस दिन बाम्बी के भी दर्शन किया जाता है, बाम्बी नागों के रहने के स्थान को कहते है। जो मिट्टी के बना होता है और इसमें छोटे-छोटे छेद होते है। यह एक टीले के समान दिखाई देता है।