देवी लक्ष्मी पूजा
दिवाली का त्यौहार हिंदूओं का प्रमुख त्यौहारों है। भगवान श्रीराम के अयोध्या वापस लौटने की खुशी में दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। धन-संपत्ति और वैभव को पाना वर्तमान समय में हर मनुष्य की सबसे बडी जरूरत है। परन्तु यह सब हर व्यक्ति के पास नहीं होता है। धन से ही मनुष्य की तमाम भौतिक जरूरते पूरी होती है। धन, संपत्ति और समृद्धि को एक ओर नाम से जाना जाता है और वह नाम लक्ष्मी है। ऐसी मान्यता है कि मां लक्ष्मी की कृपा दृष्टि से घर में धन, संपत्ति और वैभव आता है। लेकिन जिस घर में मां लक्ष्मी का वास नहीं होता है, वहां दरिद्रता घर कर लेती है। इसलिए मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए लक्ष्मी जी की पूजा करनी चाहिए। मां लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी माना जाता है।
दिंनाक/मुहूर्त
इस साल देवी लक्ष्मी की पूजा 07 नवंबर 2018 को सम्पन्न की जाएगी।
इस दिन लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम के 05:47 से लेकर 07:53 तक है।
पूजा विधि
- दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी की पूजा करने से पहले पूजा स्थल को गंगाजल छिडकर शुद्ध कर लें।
- पूजा स्थल पर एक चौकी रखे और उस चौकी पर लाल रंग का कपडा बिछाना चाहिए।
- इसके बाद माँ लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर को उस चौकी पर स्थापित करें।
- देवी लक्ष्मी के सामने जल से भरे एक कलश की स्थापना करे।
- इसके बाद माँ लक्ष्मी को तिलक लगाए और साथ में सभी देवी देवताओं को भी तिलक करें।
- माँ लक्ष्मी को फल, फूल, मिठाई, खील, बताशे आदि चढाएं।
- माँ की पूजा करते समय 11 छोटे दीये और एक बडा दीया जलाएं।
- पूजा सम्पन्न करने के बाद माँ लक्ष्मी की आरती करनी चाहिए।
- माँ लक्ष्मी की आरती करने के बाद प्रसाद का भोग लगाकर और सभी में उस प्रसाद को बांट दें।