गणेश भगवान को सभी देवी-देवताओं में सर्वप्रथम पूज्य माना गया है। माता पार्वती और शिवजी के पुत्र है गणेशजी। साथ ही इन्हे विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है की साल में एक बार श्रीगणेश अपने भक्तो की मनोकामनाएं पूरी करने के लिए धरती पर आते है और यह त्यौहार गणेशोत्सव के नाम से जाना जाता है। इस उत्सव का आरम्भ भाद्रपद मास की चतुर्थी को होता है और इसका अंत भाद्रपद मास की अनंत चतुर्दशी को गणेश विसर्जन के साथ होता हैं। दस दिनों तक मनाए जाने वाले गणेश जन्मोत्सव की धूम सम्पूर्ण भारत में देखने को मिलती है। आज हम आपको गणेश विसर्जन की पूजा विधि के बारे में बताएंगे जिसकी मदद से आप बप्पा का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते है।
गणेश विसर्जन दिनांक और मुहूर्त
श्रीगणेश की मूर्ति का विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाता है। इस साल अनंत चतुर्दशी 23 सितम्बर 2018 को रविवार के दिन मनाई जाएगी।
गणेश विसर्जन की पूजा विधि
- भगवान गणेश को लोग दस दिनों के लिए अपने घर लेकर आते है और गणेश चतुर्दशी के दिन इनका विसर्जन किया जाता है।
- सबसे पहले 10 दिनों तक की जाने वाली आरती-पूजन करे।
- गणेशजी को लड्डू अतिप्रिय होते है इसलिए उन्हें लड्डू का भोग अवश्य लगाए।
- अब श्रीगणेश के पवित्र मंत्रो का उच्चारण करे।
- नदी या तालाब के किनारे विसर्जन से पहले श्रीगणेश की कपूर की आरती करें। भगवान गणेश से अगले वर्ष जल्दी आने की कामना करें।
- श्रीगणेश से धन, शांति, सुख, समृद्धि के साथ उनका आशीर्वाद मांगे। 10 दिनों में जाने-अनजाने में हुई गलती के लिए क्षमा प्रार्थना भी करें।
- भगवान गणेश की मूर्ति को पूरे आदर और सम्मान के साथ जल में धीरे-धीरे बहाएं।