दुर्गा अष्टमी पूजा
हिंदू धर्म में नवरात्रि का त्यौहार बडे ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। नवरात्रि साल में दो बार आती है, पहली चैत्र में और दूसरी शारदीय में आती है। नवरात्रि के दिनों में माता रानी का व्रत, उपासना और पूजा करने का बहुत महत्व होता है। इन नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि के आठवें दिन दुर्गा अष्टमी होती है और इस दिन माँ गौरी की पूजा की जाती है। नवरात्रि में अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है। नवरात्रि के दिनों को बहुत शुभ माना जाता है और इन दिनों भक्त माँ दुर्गा से सच्चे दिल से जो कुछ मांगते है, उन्हें माँ अवश्य पूरा करती है।
दुर्गा अष्टमी दिंनाक/मुहूर्त
इस साल दुर्गा अष्टमी 17 अक्टूबर 2018 को मनाई जाएगी।
पूजा का मुहूर्त 16 अक्टूबर की रात को 23:46 से शुरू होगा और 17 अक्टूबर को दोपहर 02:19 तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा।
पूजा विधि
- दुर्गा अष्टमी के दिन मनुष्य को प्रात:काल उठकर स्नान करने के बाद देवी भगवती की पूरी विधि-विधान के साथ पूजा करनी चाहिए।
- माँ दुर्गा की मूर्ति का अच्छी तरह से श्रृंगार करें।
- इसके बाद दुर्गा अष्टमी पर 5, 7 या 9 कन्याओं का पूजन किया जाता है।
- सबसे पहले कन्याओं को अपने घर आने के लिए आमंत्रित करते है।
- फिर कन्याओं के पैर धोएं, उसके बाद उन्हें तिलक लगाएं और कलाई पर कलावा बांधे।
- माँ दुर्गा को पुरी, छोले और हलवे का भोग लगाने के बाद यह भोग कन्याओं को दिया जाता है।
- इसके बाद कन्याओं के पैर छू कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करके कन्याओं को विदा किया जाता है।