भाद्रपद पूर्णिमा
हिंदू मान्यता के अनुसार पूर्णिमा तिथि चंद्रमा को सबसे ज्यादा प्रिय होती है। पूर्णिमा वाली रात को चन्द्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है। इस दिन पूजा-पाठ और दान देना बहुत शुभ माना जाता है। हिंदूओं के लिए पूर्णिमा तिथि बहुत पुण्य और फलदायी मानी जाती है। पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की पूजा और व्रत किया जाता है। भगवान विष्णु को सत्यनारायण के नाम से भी जाना जाता है। पूर्णिमा का व्रत हर महीने किया जाता है, लेकिन भाद्रपद पूर्णिमा पर व्रत रखने का अपने आप में ही विशेष महत्व होता है।
दिंनाक/मुहूर्त
इस साल भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि 24 सितंबर 2018 को 07:18 से लेकर 25 सितंबर 2018 को 08:22 पर समाप्त है।
पूजा विधि
- जो पूर्णिमा का व्रत करते है, वह प्रात:काल उठकर स्नान आदि कार्य कर लें।
- घर की साफ-सफाई करके पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करे, साथ ही पूजा स्थान पर थोडा गंगाजल छिडकर उस स्थान को पवित्र कर लें।
- एक चौकी पर कपडा बिछा ले और चौकी के पास केले के पत्ते रख लें।
- फिर चौकी पर ठाकुर जी या सत्यनारायण की मूर्ति स्थापित करे।
- पूजा करते वक्त सबसे पहले गणेशजी की पूजा या आवाहन करे, उसके बाद भगवान सत्यनारायण की पूजा करे।
- इस व्रत में सत्यनारायण की कथा का पाठ करना चाहिए या कथा सुननी चाहिए।
- इसके बाद भगवान को प्रसाद चढाएं और इसके बाद इस प्रसाद को सब में बाँट कर और स्वयं भी ग्रहण करे।
- इस व्रत में रात को चन्द्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोले।