शारदीय नवरात्रि पूजा
हिंदू धर्म में नवरात्रि का त्यौहार बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि साल में चार बार आती है और इस त्यौहार में हम आदिशक्ति की आराधना करते है। नवरात्रि के दिनों में हम अपने घरों में माँ की स्थापना करते है, साथ ही उनकी पूजा-अर्चना करते है। माँ शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि माँ के नौ अलग-अलग रुप हैं। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है। नवरात्रि के अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है।
शारदीय नवरात्रि कब से कब तक है?
इस साल शारदीय नवरात्रि 10 अक्टूबर 2018 से लेकर 18 अक्टूबर 2018 तक है।
पूजा विधि
- नवरात्रि के पहले दिन पूजा स्थान को साफ करके और गंगाजल छिडकर शुद्ध करना चाहिए।
- इसके बाद माँ दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर को पूजा स्थान पर स्थापित करें।
- माँ दुर्गा की मूर्ति को स्थापित करने के बाद घटस्थापना की जाती है।
- घटस्थापना यानी कलश की स्थापना करते है, कलश तैयार करने के लिए सबसे पहले कलश पर स्वस्तिक बनायें।
- कलश के गले में मौली बाधे, उसके बाद कलश में थोडा गंगाजल और शुद्ध जल से पूरा भर दे।
- उस कलश में सुपारी, फूल, सिक्का डालें और फिर आम के पत्ते उस कलश में रखे। उस कलश को ऊपर से ढक दे और प्लेट में थोडे चावल रखे। अब उसके ऊपर नारियल रखे और कलश की स्थापना करे।
- इसके बाद देवी माँ को चुनरी ओढाकर माँ को तिलक लगाएं।
- इन नौ दिनों में अखण्ड ज्योत को प्रज्जवलित करते है, साथ ही नियमित रूप से सुबह और शाम देवी माँ की पूजा की जाती है।
- नवरात्रि के दिनों में दुर्गा सप्तशती और देवी माँ के स्त्रोत का पाठ करे।
इसके बाद माँ दुर्गा की आरती करे और फिर माँ को भोग लगाएं।