नरक चतुर्दशी
हिंदू धर्म में नरक चतुर्दशी का त्यौहार कार्तिक महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। यह त्यौहार दिपावली से एक दिन पहले मनाया जाता है, जिसे छोटी दिपावली और काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है। नरक चतुर्दशी के दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है और इस दिन दीप-दान का बहुत महत्व होता है। इस चतुर्दशी पर अकाल मृत्यु से मुक्ति और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए यमराज की पूजा व उपासना की जाती है। नरक चतुर्दशी के दिन हनुमान जी की भी पूजा की जाती है।
दिंनाक/मुहूर्त
इस साल नरक चतुर्दशी का त्यौहार 06 नवंबर 2018 को मनाया जाएगा।
अभ्यंग स्नान मुहूर्त सुबह के 04:53 से लेकर 06:15 तक है।
पूजा विधि
- इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर शरीर पर तेल या उबटन लगाना चाहिए और उसके बाद स्नान करना चाहिए।
- स्नान करने के बाद दक्षिण दिशा की ओर मुख करके हाथ जोडकर यमराज से प्रार्थना करें।
- इस पूजा में सर्वप्रथम एक थाली को सजाए, उसमें एक चौमुख दिया जलाए और सोलह छोटे दिए जलाएं, साथ ही भगवान गणेश और माँ लक्ष्मी की पूजा करके उनके सामने दिया जलाएं।
- इसके बाद रोली, खीर, गुड, फूल, मिठाई आदि व्यंजन अपने ईष्ट देव को चढाएं और इनकी पूजा करें।
संध्या के समय दीप दान से पहले यमराज की पूजा की जाती है और उसके बाद दीप दान किया जाता है।