धनतेरस पूजा
भारत में हर त्यौहार को बडे ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। धनतेरस का त्यौहार कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। यह त्यौहार दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है और इस दिन समुद्र मंथन से अमृत का कलश लेकर भगवान धन्वन्तरी प्रकट हुए थे, इसलिए इसे धनतेरस के नाम से भी जाना जाता है। धनतेरस के दिन भगवान कुबेर, माता लक्ष्मी और धन्वन्तरी जी की पूजा की जाती है, साथ ही इस दिन भगवान यमराज की भी पूजा की जाती है। धनतेरस पूजा को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है।
दिंनाक/मुहूर्त
इस साल धनतेरस का त्यौहार 05 नवंबर 2018 को मनाया जाएगा। धनतेरस की पूजा करने का शुभ मुहूर्त 06:05 से लेकर 08:03 तक का है।
पूजा विधि
- सबसे पहले मिट्टी का हाथी और भगवान कुबेर, धन्वन्तरी और माता लक्ष्मी का चित्र या मूर्ति स्थापित करें।
- इनके सामने एक मुख वाला घी का दिया जलाएं।
- भगवान कुबेर को सफेद मिठाई और धन्वन्तरी जी को पीली मिठाई का भोग लगाएं।
- धन्वन्तरी जी की पूजा करने के बाद भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करना अनिवार्य होता है।
- भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के सामने दीप और धूप जलाकर इनकी पूजा करें और भगवान के चरणों में फूल चढ़ाएं और मिठाई का भोग लगाएं।
- इसके बाद प्रसाद को घर के सदस्य में बाँट कर स्वयं ग्रहण करें।