कृष्ण जन्माष्टमी
भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाता है। यह त्यौहार भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। भगवान विष्णु के आठवें अवतार है श्रीकृष्ण और इस त्यौहार को भारत वर्ष में बहुत ही हर्ष-उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस त्यौहार पर विशेष रूप से दही हांडी के कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता है। भगवान कृष्ण को सोलह कलाओं में निपुर्ण माना जाता है।
कृष्ण जन्माष्टमी दिंनाक/मुहूर्त
इस साल जन्माष्टमी 2 सिंतबर 2018 को मनाई जाएगी और इसका शुभ मुहुर्त रात्रि के 23:57 से 24:43 तक है।
पूजा विधि
- जन्माष्टमी के दिन घरों और मंदिरों को फूलों, गुब्बारों, लाइट आदि से सजाया जाता है।
- इस दिन रात के बारह बजे श्रीकृष्ण को पंचामृत और गंगाजल से स्नान करके चन्दन लगाना चाहिए।
- इसके बाद मौली, माला, पुष्प, वस्त्र आदि चीजें भगवान को अर्पित करें।
- भगवान को पंचामृत, आटे की पंजीरी और मिठाई में तुलसी के पत्ते डालकर भोग लगाएं।
- जन्माष्टमी के अवसर पर अगर आपने विशेष व्यंजन बनाए है, तो उस व्यंजन में भी तुलसी के पत्ते डालकर भगवान को भोग लगाएं।
- अब श्रीकृष्ण की आरती करें और उसके बाद भगवान को प्रसाद के रूप में लगाए गए भोग को भक्तों में बाट दें और स्वयं भी ग्रहण करे।
- इस दिन भक्त भजन, कीर्तन, नृत्य आदि कार्यक्रम का आयोजन करते है।