हरियाली तीज
हरियाली तीज सावन के महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। यह हिंदू महिलाओं के लिए मुख्य त्यौहारों में से एक है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा और व्रत का विधान है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान शिव और माँ पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। यह त्यौहार हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
हरियाली तीज पर कुंवारी लडकियाँ अपने होने वाले पति और विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती है। विवाहित महिलाएं और कुंवारी कन्या पूरे सोलह श्रृंगार करके भगवान शिव और माता पार्वती पूजा करती है और अपनी पति की लंबी आयु की कामना करती है।
हरियाली तीज की दिंनाक और मुहूर्त
इस साल हरियाली तीज 13 अगस्त 2018 को मनाई जाएगी। इस व्रत का शुभ मुहूर्त सुबह 08:36 से शुरू होगा और इसका समापन 14 अगस्त 2018 की सुबह 05:45 तक होगा।
पूजा विधि
- हरियाली तीज के दिन प्रात: काल उठकर स्नान आदि कार्य कर लें।
- इस दिन विवाहित महिलाओं के मायके से श्रृंगार का समान और मिठाई आदि समान ससुराल भेजी जाती है।
- इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके निर्जला व्रत रखती है।
- पूजा के स्थान पर झूला बनाएं और उसे आम, चंपा, अशोक तथा चमेली के फूलों से सजाना चाहिए।
- हिंदू परंपरा के अनुसार भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की मूर्ति बनाई जाती है। ये मूर्तियाँ स्वर्ण की बनी होनी चाहिए, लेकिन आप काली मिट्टी से भी मूर्तियाँ बना सकते है।
- इसके बाद सुहाग की चीजें माता पार्वती को अर्पित करें। साथ ही भगवान शिव को वस्त्र भेट करें।
- भगवान को सोलह श्रृंगार की चीजें और वस्त्र चढाने के बाद किसी ब्राह्मण को दान कर सकते है।
- इसके बाद पूरी श्रद्धा के साथ हरियाली तीज की कथा सुने या पढे।
- कथा सुने के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की आरती कर लें।
- अगली सुबह भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की पूजा करके माता पार्वती को सिंदूर चढाएं।
इसके बाद खीर या हलवे का भोग भगवान को चढाएं और भोग लगाने के बाद इसी खीर या हलवे से अपना व्रत खोल लें।