भाई दूज
भाई दूज दीवाली के दो दिन बाद मनाया जाने वाला त्यौहार है। भारत वर्ष में हर त्यौहार को बडे ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार भाई और बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। भैया दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस पर्व को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। भैया दूज के दिन बहन अपने भाई को तिलक लगाकर, उसकी पूजा करती है और भाई अपनी बहन को उपहार देता है। इस त्यौहार के दिन बहन अपने भाई की लम्बी उम्र की कामना करती है और भाई अपनी बहन को सुरक्षा का वचन देता है। यह त्यौहार भाई और बहन के बीच स्नेह बढाने के लिए रक्षाबंधन के त्यौहार की तरह है।
दिंनाक/मुहूर्त
इस साल भैया दूज का त्यौहार 09 नवंबर 2018 को मनाया जाएगा, साथ ही तिलक करने का शुभ मुहूर्त दोपहर 01:13 से लेकर 02:20 तक का है।
पूजा विधि
- भाई दूज के दिन बहनों को सुबह जल्दी उठकर स्नान कर पूजा और व्रत रखने का विधान है।
- इसके बाद बहने पूजा की थाली को रोली, चावल, नारियल, मिश्री या मिठाई और घी का दीये से सजाती है।
- इसके बाद बहन अपने भाई को लकडी के पीढे पर बैठाकर उनको तिलक लगाएं।
- भाई को तिलक लगाने के बाद हाथ में कलावा बाँध कर उनकी आरती उतारें।
- भाई की पूजा करते समय बहन को अपने मन में भाई की लम्बी उम्र और सुरक्षित जीवन के लिए कामना करनी चाहिए।
- इसके बाद बहन अपने भाई को मिठाई खिलाती है और भाई अपनी बहन को उपहार में पैसे या आभूषण देता है।
- शाम के वक्त घर के मुख्य द्वार पर चार मुख वाला दिया यमराज के नाम से जलाया जाता है।
इस दिए को जलाकर यमराज का ध्यान कर दक्षिण दिशा की ओर रख दें।