सूर्य यंत्र
हिन्दू धर्म में सूर्य देव ही एक ऐसे देवता है जिनके दर्शन मनुष्य रोज़ करता है। सूर्य देव को नवग्रहों में से सबसे शक्तिशाली ग्रह माना गया है और सभी ग्रह इनकी परिक्रमा करते है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य अशुभ फल दे रहा है, तो उस व्यक्ति को हर क्षेत्र में असफलता ही प्राप्त होती है। उस व्यक्ति को ना ही अपने काम में यश मिलेगा और ना ही मान सम्मान मिलेगा। ऐसी स्थिति में सूर्य यंत्र को विधि विधान के साथ अपने घर या कारोबार में स्थापित करने से इन सभी परेशानियों से निजात मिल जाती है। सूर्य यंत्र इच्छा शक्ति, ऊर्जा, बहादुरी, नेतृत्व और अधिकार को व्यक्त करता है।
लाभ
- इस यंत्र की घर में स्थापना करने से घर के सदस्यों के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- सूर्य यंत्र की पूजा करने से आपकी सफलता के मार्ग प्रशस्त होते है।
- इस यंत्र के माध्यम से करियर और व्यापार में वृद्धि होती है।
- यह यंत्र आपके जीवन में सूर्य से संबंधित कोई भी परेशानी हो उसे दूर करता है।
- यह यंत्र आपके जीवन में आ रही कोई भी बाधाएं को दूर करता है।
ऐसा माना जाता है सूर्य यंत्र उस स्थान को पवित्र करता है, जहाँ इस यंत्र को स्थापित किया जाता है। इस यंत्र को पश्चिम की ओर पूर्व दिशा में लगाना सर्वोत्तम माना गया है। सूर्य यंत्र का प्रभाव सूर्य की बढ़ती किरणों के साथ ओर बढ़ता है। इस यंत्र को अपने घर या कारोबार में स्थापित करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस यंत्र का सर्वोत्तम लाभ प्राप्त करने के लिए उचित स्थान पर स्थापित करना आवश्यक है। गलत स्थान पर स्थापित करने से आपको इस यंत्र का लाभ प्राप्त नहीं होगा। सूर्य यन्त्र को कैसे और कहाँ स्थापित करें ? इस यंत्र की अधिक जानकारी के लिए आप हमसे संपर्क कर सकते है।