शुक्र यंत्र
शुक्र ग्रह को नवग्रहों में एक बेहद महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। शुक्र, शुभ ग्रह होकर भोग और विलास का कारक ग्रह है और इस पृथ्वी पर जातक पांच कर्मेंद्रियों और पांच ज्ञानेंद्रियों के माध्यम से सुख उपभोग करता है अर्थात् जातक को कब, कितने समय के लिए सुख उपलब्ध होगा, इसका निर्णय जन्म कुंडली में शुक्र की स्थिति देखकर किया जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सौंदर्य, आकर्षक, ग्लैमर और लग्जरी लाइफ का कारक ग्रह शुक्र है। जिन लोगों की कुंडली में शुक्र ग्रह स्वामी होता है, उनमें एक विशेष प्रकार का आकर्षण होता है। शुक्र ग्रह की तरह शुक्र यंत्र भी प्रभावकारी और शक्तिशाली माना जाता है।
लाभ
- शुक्र यंत्र को अपने घर में स्थापित करने से ये रिश्तों में मज़बूती प्रदान करता है।
- इस यंत्र को स्थापित करने से शुक्र ग्रह के दुष्प्रभाव दूर होते है।
- यह यंत्र आपको मान-सम्मान, प्रेम, मानसिक शांति, सुन्दरता, नृत्य, संगीत और ललित कलाओं में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।
- यह यंत्र आपको व्यापार में सही निर्णय लेने में भी सहायता करता है।
- यह यंत्र आपके जीवन में आ रही समस्याओं को भी दूर करता है।
ऐसा माना जाता है शुक्र यंत्र उस स्थान को पवित्र करता है, जहाँ इस यंत्र को स्थापित किया जाता है। इस यंत्र को पश्चिम की ओर पूर्व दिशा में लगाना सर्वोत्तम माना गया है। शुक्र यंत्र का प्रभाव सूर्य की बढ़ती किरणों के साथ ओर बढ़ता है। इस यंत्र को अपने घर या कारोबार में स्थापित करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस यंत्र का सर्वोत्तम लाभ प्राप्त करने के लिए उचित स्थान पर स्थापित करना आवश्यक है। गलत स्थान पर स्थापित करने से आपको इस यंत्र का लाभ प्राप्त नहीं होगा। शुक्र यंत्र को कैसे और कहाँ स्थापित करें? इस यंत्र की अधिक जानकारी के लिए आप हमसे संपर्क कर सकते है।