अंक ज्योतिष का आधार जन्म तिथि व नाम है | मूलांक को अंग्रेजी में ‘लाइफ पाथ नम्बर’ भी कहते हैं | लाइफ पाथ नम्बर जातक के बारे में अनेक बातों को स्पष्ट रूप से बताता है तथा मूलांक द्वारा किसी भी व्यक्ति विशेष के बारे में अनेक मुख्य बातो का पता लगाया जा सकता है| 1 से 9 तक के अंक मूलांक कहलाते है और इस के बाद की जो भी संख्या होती है उन्हे आपस में जोड़ लिया जाता है | जैसे यदि किसी का जन्म किसी महीने की ११ तारीख को होता है तो हम मूलांक 1 + 1 = २ को मानेंगे |
किसी भी महीने में 31 से अधिक दिन नहीं होते | इस लिए पुरे महीने के मूलांक इस प्रकार होँगे :-
1 = 1
2 = 2
3 = 3
4 = 4
5 = 5
6 = 6
7 = 7
8 = 8
9 = 9
10 (1 + 0)= 1
11 (1+ 1) = 2
12 (1+ 2) = 3
13 ( 1+ 3) =4
14 ( 1 + 4) =5
15 ( 1 + 5) =6
16 (1 + 6) =7
17 (1 + 7) = 8
18 (1 + 8) =9
19 (1 + 9) = 10 (1+0)= 1
20 (2 +0) =2
21 (2 + 1)=3
22 (2 + 2 ) = 4
23 (2+ 3)= 5
24 (2 + 4)= 6
25 ( 2 + 5) = 7
26 (2 + 6) =8
27 (2 + 7) =9
28 (2 + 8) =10 (1 +0 )= 0
29 (2 + 9) =11 (1 + 1)=2
30 (3 + 0) = 3
31 (3+ 1) = 4
ज्योतिष में कई बार जातक को अपनी जन्म तिथि को पता होती है लेकिन उसे अपना समय ज्ञात नहीं होता है | इस स्तिथि में अंक शास्त्र द्वारा मूलांक विधि से उन लोगों के लिए एक सटीक आधार तैयार किया जा सकता है तथा उनके विषय में अनेक बातें भी बताई जा सकती हैं |