हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि की तरह सावन की शिवरात्रि को भी बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। सावन के महीने में आने वाली मासिक शिवरात्रि को सावन शिवरात्रि कहते है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा की जाती है और सावन माह की मासिक शिवरात्रि को बहुत ही शुभ माना जाता है। भगवान शिव को कई नामों से जाना जाता है जैसेकि भोलेनाथ, कल्याणकारी, नीलकंठ, रूद्र या देवों के देव महादेव इत्यादि।
सावन शिवरात्रि की विशेषता
सावन की शिवरात्रि में शिवलिंग पर जल से अभिषेक करना बहुत शुभ माना जाता है।
सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करना श्रेष्ठ माना जाता है।
भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से आपकी हर मनोकामना पूरी होती है साथ ही सारे दुखों का नाश होता है ।
सावन शिवरात्रि का व्रत महिला व पुरूष कोई भी कर सकता है।
इस व्रत को करने से जीवन में सुख-शांति, धन में वृद्धि होती है।
भगवान शिव की कृपा से जो यह व्रत करता है, उसके बिगड़े काम बनने लगते है।
दिंनाक/ मुहुर्त
इस साल सावन की शिवरात्रि 9 अगस्त 2018 को मनाई जाएगी। इसका शुभ मुहुर्त सुबह के 05:43 से दोपहर के 02:37 तक है।
सावन शिवरात्रि की कथा
हिंदू धर्म के अनुसार सावन शिवरात्रि के दिन शिवजी लिंग रूप में प्रकट हुए थे। सबसे पहले भगवान शिव की लिंग रूप में पूजा भगवान विष्णु और ब्रह्माजी ने की थी । ऐसी मान्यता है कि देवी लक्ष्मी, सरस्वती, गायत्री, सीता, पार्वती और रति ने भी शिवरात्रि का व्रत किया था। इसलिए सावन शिवरात्रि के व्रत को कुमारी कन्याओं के लिए शुभ माना जाता है।