सावन के महीने में “देवों के देव महादेव” को प्रसन्न कर अपनी हर कामना पूरी करवाने के लिए सोमवार का विशेष महत्व है। पौराणिक कथाओ के अनुसार सावन का महीना बहुत पवित्र माना जाता है और ये भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है। इस महीने में शिवजी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से मनुष्य को शुभ फल प्राप्त होता हैं।
सावन महीने की पूजा विधि
सावन के महीने में सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करके मंदिर जाए।
शिवजी का ध्यान करके ताम्बे के बर्तन से शिवलिंग को जल अर्पित करें।
जल अर्पित करने के बाद शिव को चन्दन आदि का तिलक करें।
भगवान शिव के साथ माता पार्वती और नंदी का पंचामृत से अभिषेक किया जाता है।
इसके बाद शिवलिंग पर एक-एक करके सारी साम्रगी अर्पित करें, जैसेकि शिवामुट्ठी के लिए कच्चे चावल, सफ़ेद तिल , खड़ा मूंग,जौ, सतुआ,पंचामृत: दूध, दही, चीनी, चावल, गंगाजल, बेलपत्र,फल,फूल,धूपबत्ती या अगरबत्ती,चन्दन,शहद,घी,इत्र, केसर,धतूरा,कलावे की माला,रुद्राक्ष आदि।
शिवलिंग की आधी परिक्रमा करनी चाहिए, पूरी परिक्रमा कभी नहीं करनी चाहिए। इसके बाद मंदिर में कुछ देर बैठकर मन ही मन में 'ऊं नम: शिवाय' मंत्र का जाप करना चाहिए।
जिस जगह पर शिवलिंग स्थापित है, उसके दक्षिण दिशा में ही बैठकर पूजा-पाठ करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है।
सावन सोमवार का शुभ मुहुर्त
किसी भी पूजा से पहले शुभ मुहुर्त देखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि शुभ मुहुर्त में पूजा करना फलदायी होता है। इस साल सावन सोमवार की शुरूआत 28 जुलाई 2018 को होगी और 26 अगस्त 2018 को समाप्त होगा। सावन का पहला सोमवार 30 जुलाई 2018 को होगा। सावन के सोमवार ही नहीं बल्कि संपूर्ण सावन के माह में ब्रह्म मुहूर्त में शिव मंदिर में जाकर जल अभिषेक करना चाहिए। सूर्योदय से पहले पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। श्रावण में भगवान शिव की विधिवत पूजा करने से सभी अनिष्टों, अकाल मृत्यु व बाधाओं से मुक्ति मिलती है तथा जीवन समस्त सुख समृद्धि, ऐश्वर्य से परिपूर्ण रहता है।