हिंदू धर्म के अनुसार सावन महीने में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने का बहुत महत्व होता है।
ऐसा माना जाता है कि श्रावण माह में पड़ने वाले सोमवार को शिवजी का व्रत और पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते है, इन्हें श्रावण और सावन सोमवार व्रत के नाम से भी जाना जाता है। कई भक्त सावन के महीने में आने वाले पहले सोमवार से 16 सोमवार के व्रत रखना शुरू कर देते है क्योंकि 16 सोमवार के व्रत श्रावण के पहले सोमवार से ही शुरू किये जाते है।
सावन 2018
हर साल सावन के महीने को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
इस साल 23 जुलाई 2018 से सावन शुरू हो रहा है।
सावन के महीने में शिव भक्तों के द्वारा काँवड़ यात्रा का आयोजन किया जाता है।
इस दौरान लाखों शिवभक्त देवभूमि उत्तराखंड में स्थित शिवनगरी हरिद्वार और गंगोत्री धाम की यात्रा करते हैं। साथ ही इन तीर्थ स्थलों से गंगा जल से भरी काँवड़ को अपने कंधों पर रखकर पैदल लाते हैं और बाद में वही गंगा जल भगवान शिव को चढ़ाया जाता है।
सालाना होने वाली इस यात्रा में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं को काँवरिया या काँवड़िया कहा जाता है।
सावन माह का महत्व
शिवपुराण में भगवान शिव को स्वयं ही जल माना गया हैं, इसलिए जल से उनका अभिषेक किया
जाता है। ऐसा करने से सर्वोत्तम फल प्राप्त होता है, जिसमें कोई संशय नहीं है। सावन के महीने में
व्रत रखने का भी विशेष महत्व बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि कुंवारी लड़कियां अगर
सावन के सोमवार का व्रत रखती हैं और साथ ही शिवलिंग पर जल के साथ बेलपत्र, फूल आदि अर्पित करती है, तो उन्हें उनकी पसंद का जीवनसाथी मिलता है। इस व्रत में ॐ नम: शिवाय के मंत्र का जाप करना सर्वोत्तम होता है।