Types of Shradh
हिंदू धर्म में श्राद्ध को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसी मान्यता है कि यमराज हर वर्ष पितृपक्ष में सभी आत्माओं को मुक्त कर देते हैं, जिससे वह अपने परिजनों के पास जाकर तर्पण ग्रहण कर सकें। हमारे शास्त्रों में श्राद्ध पक्ष के सोलह दिन निर्धारित किए गए हैं, जिसमें व्यक्ति अपने पूर्वजों को याद करते है और उनका तर्पण कर उन्हे शांति और तृप्ति प्रदान करते है। ताकि हमें उनका आर्शीवाद और सहयोग प्राप्त हो सके।
श्राद्ध सोलह दिन के होते है यह सभी जानते है, लेकिन क्या आप जानते है कि श्राद्ध कितने प्रकार के होते है। तो आज हम आपको बताएगें कि हिंदू धर्म में कितने प्रकार के श्राद्ध होते है। शायद ही आपको पता हो कि श्राद्ध बारह प्रकार के होते है।
- नित्य श्राद्ध
रोज किए जाने वाले इस श्राद्ध को जल से संपन्न किया जाता है।
- नैमित्तक श्राद्ध
यह श्राद्ध किसी को निमित्त मानकर विशेष अवसरों पर किया जाता है।
- काम्य श्राद्ध
काम्य श्राद्ध को किसी कामना विशेष या सिद्धि की प्राप्ति के लिए किया जाता है, जैसे- पुत्र की प्राप्ति आदि।
- वृद्धि श्राद्ध
यह श्राद्ध सौभाग्य वृद्धि के लिए किया जाता है। इसमें वृद्धि की कामना रहती है जैसे संतान प्राप्ति या परिवार में विवाह आदि मांगलिक कार्यो को सम्पन्न करने के लिए किया जाता है।
- सपिण्डन श्राद्ध
सपिण्डन शब्द का अभिप्राय पिण्डों को मिलाना है। शास्त्रों के अनुसार जब मनुष्य की मृत्यु होती है, तो वह प्रेत बन जाता है। प्रेत से पितर में ले जाने की प्रक्रिया ही सपिण्डन कहलाती है।
- पार्वण श्राद्ध
पार्वण श्राद्ध अमावस्या के विधान के अनुसार किया जाता है। पिता, दादा, परदादा, दादी, परदादी आदि को यह श्राद्ध समर्पित होता है।
- गोष्ठी श्राद्ध
गोष्ठी श्राद्ध सामूहिक रूप से या समूह में सम्पन्न किया जाता है।
- कर्मांग श्राद्ध
यह श्राद्ध किसी संस्कार के अवसर पर किया जाता है। कर्मांग का अर्थ कर्म के अंग से होता है, जिसमें विभिन्न संस्कारों जैसे सीमन्तोन्नायन, पुंसवन आदि को मुख्य माना गया है।
- शुद्धयर्थ श्राद्ध
शुद्धि के निमित्त जो श्राद्ध किए जाते हैं, वह शुद्धयर्थ श्राद्ध कहलाते हैं।
- तीर्थ श्राद्ध
यह श्राद्ध तीर्थ जाने पर सम्पन्न किया जाता हैं।
- यात्रार्थ श्राद्ध
यह श्राद्ध यात्रा की सफलता के लिए किया जाता है।
- पुष्टयर्थ श्राद्ध
पुष्टि के निमित्त जो श्राद्ध किए जाते हैं, वह पुष्टयर्थ श्राद्ध कहलाते हैं। इस श्राद्ध में स्वास्थ्य के साथ-साथ आर्थिक उन्नति में बढ़ोतरी होती है।