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Pitro ko Shant Karne ke Upay
ज्योतिष शास्त्र में पितृदोष को सबसे बड़ा दोष माना गया है। पितृ दोष से पीडित व्यक्ति का जीवन बहुत कष्टों से भरा होता है। जिसकी कुंडली में पितृदोष होता है, उसे हमेशा धन, आर्थिक, स्वास्थ्य, मानसिक और शारीरिक परेशानियों को झेलना पडता है। साथ ही उन्नति के सारे रास्ते बंद हो जाते है।
पितृदोष जिस किसी व्यक्ति पर होता है उसके परिवार की सुख शांति खत्म हो जाती है। हमारे पूर्वज जो पितृ बन चुके है, वह घर के बडों की तरह मान सम्मान चाहते है। यदि पितृदोष का निवारण नहीं किया जाए, तो जीवन भर परेशानियों का सामना करना पड सकता है। कई बार तो पितृदोष से पीडित मनुष्य अपना सबकुछ गंवा देता है। पितृदोष के निवारण के लिए अमावस्या, सावन महीना, श्राद्ध और शनिवार का दिन विशेषतौर से फलदायक होता है।
पितृ को शांत करने के लिए कुछ सरल उपाय :-
- यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष है, तो उसे घर की दक्षिण दिशा की दीवार पर अपने पूर्वजों की फोटो लगाकर उस पर माला चढ़ाकर रोज उनका स्मरण करना चाहिए। इससे आपको पूर्वजों का आशीर्वाद मिलेगा, वहीं पितृ दोष भी दूर होने लगता है।
- अमावस्या के दिन हलवा या खीर का भोग अपने पितरों को लगाएं।
- घर के आसपास पीपल के पेड पर दोपहर के समय जल में पुष्प, अक्षत, दूध, गंगाजल, काले तिल आदि डालकर चढ़ाएं और जनेऊ भी अर्पित करें, ऐसा करने से पितर खुश होते है, साथ ही उनसे आशीर्वाद मांगना चाहिए।
- हर अमावस्या के दिन गाय को पांच फल खिलाने चाहिए।
- अमावस्या पर बबूल के पेड के नीचे संध्या के समय पितरो के नाम पर भोजन रखे।
- हर अमावस्या पर ब्राह्मण को भोजन करवाने और दक्षिणा के रूप में वस्त्र भेंट करने से पितृदोष कम होता है।
- पितृदोष से पीडित व्यक्ति को प्रतिदिन शिवलिंग पर जल चढाकर महामृत्युंजय का जाप करना चाहिए।
- माँ काली की नियमित पूजा करने से पितृदोष में लाभ प्राप्त होता है।
- खाना बनने के बाद सर्वप्रथम पितरों के नाम से भोजन निकाले और गाय माता को खिलाएं।
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