शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि पितरो की कृपा से हमें धरती पर सभी सुखों की प्राप्ति होती है। अगर पितृ हमसे खुश होते है तो हमारा जीवन धन-धान्य से समृद्ध होता है।
पितरों को श्राद्ध द्वारा प्रसन्न किया जा सकता है। यदि हमारी कुंडली में पितृ दोष हो तो हमें अनेक तरह के दुखों का सामना करना पड़ता है। इंसान का जीवन दुखों से भर जाता हैं।
आज हम आपको पितरों की शांति के लिए अचूक उपाय बताने जा रहे है जिसकी मदद से आपको अपने पितरों का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है।
पितृ दोष शांति के उपाय
- यदि श्राद्ध करने वाले इंसान की सामान्य आय हो तो वह पितरों के श्राद्ध में मात्र एक ब्राह्मण को भोजन करा सकता है या खाद्य सामग्री जैसे गुड़, शक्कर,आटा, फल, सब्जी और दक्षिणा आदि का दान कर सकता है। ऐसा करने से पितृ दोष के प्रभाव में कमी आती है।
- घर में दक्षिण दिशा की दीवार पर अपने स्वर्गीय परिजनों का फोटो लगाना चाहिए, साथ ही उस पर हार चढ़ाकर रोज़ उनकी पूजा करनी चाहिए। इससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- अपने पितरों की मृत्यु के दिन पर सुयोग्य ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को भोजन कराना चाहिए। उस भोजन में पितृ की पसंद की एक वस्तु अवश्य होनी चाहिए।
- किसी सुयोग्य ब्राह्मण को सिर्फ एक मुट्ठी काले तिल का दान करने से भी पितृ प्रसन्न होते हैं।
- शनिवार की सुबह कच्चे दूध में जौ और काले तिल मिलाकर पीपल के पेड़ की जड़ में अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ दोष दूर होता है।
- 7 शनिवार और मंगलवार को केसर और जावित्री की धूप पूरे घर में देनी चाहिए।
- श्राद्ध पक्ष के दौरान पितरों के निमित्त भगवत गीता का पाठ करने से भी पितरों को शांति मिलती है।
- पितृ पक्ष के दौरान यदि गयाजी (बिहार) जाकर श्राद्ध किया जाए तब भी पितरो को शांति मिलती है और पितृ दोष समाप्त होता है।
- पितरों के नाम पर अमावस्या के दिन ब्राह्मणो को भोजन और धूप देने से भी पितृ दोष ख़त्म हो जाता है।