रुद्राक्ष को स्वयं भगवान शिव का साक्षात स्वरूप माना गया है। शास्त्रों के अनुसार दुनिया में 21 प्रकार के रुद्राक्ष पायें जाते है जिनका अपना-अपना महत्व होता है। शिवजी के आंसू से उत्पन्न होने के कारण इसके प्रभाव अद्भुत होते हैं। इंसान को हर तरह की समस्याओं से मुक्ति दिलाने की क्षमता रुद्राक्ष में होती है।
विश्व में पाए जाने वाले 21 रुद्राक्षों में से एक अत्यंत चमत्कारी रुद्राक्ष सप्तमुखी रुद्राक्ष है। भगवान शिव की शक्तियों से संपन्न सात मुखी रुद्राक्ष के स्वामी ग्रह भगवान शनि हैं। भगवान शनि जिन्हे न्याय के देवता कहा जाता है उन्हें ये सात मुखी रुद्राक्ष अतिप्रिय है।
साथ ही ऐसा माना जाता है कि इस रुद्राक्ष में सप्त ऋषियों की शक्तियां भी निहित होती है। यदि कोई मनुष्य भगवान शनि देव की टेढ़ी नज़र या साढ़े साती या ढैय्या से परेशान है तो उन्हें सात मुखी रुद्राक्ष बहुत फायदा पहुंचा सकता हैं।
सप्तमुखी रुद्राक्ष के फायदे
- सप्तमुखी रुद्राक्ष को धारण करने से भगवान शनि की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता हैं।
- यदि किसी व्यक्ति के ऊपर कोई चोरी का आरोप लगा है तो सात मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से यह आपको उस आरोप से मुक्त करने में सहायता करता है। इस रुद्राक्ष पर शनि देव की कृपा मानी जाती है।
- सात मुखी रुद्राक्ष आपकी शनि के प्रकोप से रक्षा करता है। यह रुद्राक्ष शनि के कोप से बचाने के लिए एक रक्षा कवच की तरह काम करता हैं।
- सात मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से शनि ढैया और शनि साढ़े साती के दुष्प्रभाव से मुक्ति मिलती हैं।
- अगर किसी इंसान का शनि पीड़ादायक हो तो उसके जीवन में संघर्ष काफ़ी बढ़ जाता है, तो ऐसे में उसे सप्तमुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए।
- सप्त मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से यह शरीर के मेटाबॉलिज्म को भी दुरुस्त करता हैं।
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