शारदीय नवरात्रि घटस्थापना
नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस त्यौहार में घटस्थापना का बहुत महत्व होता है। नवरात्रि की शुरूआत में ही घटस्थापना की जाती है और “घटस्थापना” को “कलश स्थापना” भी कहते है। इस कलश की स्थापना शुभ मुहूर्त में की जाती है।
घटस्थापना का महत्व
नवरात्रि में घटस्थापना करने से घर में सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की वृद्धि होती है।
नवरात्रि के दौरान घर में कलश की स्थापना करना मंगलकारी माना जाता है। ऐसा करने से घर में मौजूद नकारात्मक शक्ति व विपदा का नाश होता है।
ऐसा माना जाता है कि कलश के मुख में भगवान विष्णु, गले में रुद्र, मूल में ब्रह्मा तथा मध्य में देवी शक्ति का निवास होता है।
घटस्थापना की पूजा-विधि
नवरात्रि में कलश स्थापना के लिए सबसे पहले पूजा स्थान को शुद्ध कर लेना चाहिए। उसके बाद एक लकड़ी का फट्टा रखकर उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाना चाहिए।
इस कपड़े पर थोड़े चावल रखने चाहिए और चावल रखते समय सबसे पहले गणेश जी का स्मरण करना चाहिए।
एक मिट्टी के पात्र में जौ को बोना चाहिए। फिर इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करे। कलश पर रोली से स्वस्तिक या ऊं बनाना चाहिए।
कलश के मुख पर मौली बांध कर,कलश में सुपारी, सिक्का डालकर आम के पत्ते रखने चाहिए। फिर कलश के मुख को ढक्कन से ढक देना चाहिए।
उस ढक्कन को चावल से भर दे और एक नारियल लेकर उस पर चुनरी लपेटकर कलावें से बांध देनी चाहिए।
इसके बाद नारियल को कलश के ढक्कन पर रखते हुए सभी देवी-देवताओं का आवाहन करना चाहिए। अंत में दीप जलाकर कलश की पूजा करनी चाहिए और कलश पर फूल चढ़ाने चाहिए।
घटस्थापना का दिन और शुभ मुहूर्त
नवरात्रि में घटस्थापना 10 अक्टूबर 2018 के दिन की जाएगी और इसका शुभ मुहूर्त प्रात: 06:13 से लेकर 07:25 तक रहेगा।