हिंदू धर्म में करवा चौथ का त्यौहार बहुत ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का व्रत किया जाता है।
सुहागन महिलाओं के लिए यह दिन काफी अहमियत रखता है, क्योंकि इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और गृहस्थ जीवन के कल्याण के लिए निर्जला व्रत रखती है।
यह त्यौहार पूरे भारत वर्ष में मनाया जाता है, लेकिन उत्तर भारत में खासकर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश आदि में इनका एक अलग ही नजारा देखने को मिलता है।
करवा चौथ दिंनाक/मुहूर्त
- इस साल करवा चौथ 27 अक्टूबर 2018 को मनाया जाएगा।
- करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त 06:36 से लेकर 07:55 तक है
- और चंद्रोदय का समय रात के 09:22 का है।
करवा चौथ पूजा विधि
- सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करके व्रत रखने का संकल्प लें।
- इसके बाद सास द्वारा दी गई सरगी का सेवन करें, जिसमें मिठाई, फल, सेंवईया, पूड़ी आदि और श्रृंगार का समान शामिल होता है।
- सरगी खाने के बाद करवा चौथ का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है।
- दीवार पर गेरू से फलक बनाकर पिसे चावलों के घोल से करवा चित्रित करें। इस कला को करवा धरना कहा जाता है जो कि बड़ी पुरानी परंपरा है।
- इसके बाद पीली मिट्टी से माँ गौरी और गणेशजी की मूर्ति बनाएं और माँ गौरी की गोद में गणेशजी को बिठाएं।
- माता गौरी को चौकी पर विराजमान करे और उन्हें लाल रंग की चुनरी पहना कर सुहाग का समान अर्पित करें। फिर उनके सामने जल से भरा एक कलश रखकर पूजा करे।
- इसके बाद करवा चौथ की कथा सुने और अपने घर के सभी बडे लोगों के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद ले।
- रात के समय छलनी के द्वारा चन्द्रमा को देखकर, अर्घ्य देकर उनकी पूजा करे।
- इसके बाद पति की पूजा करके अपना व्रत खोल लें।
इस तरह से आप अपना करवा चौथ का व्रत सम्पन्न करें।