विश्वकर्मा पूजा के दिन लोग भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित करते है। इसके बाद भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना की जाती है।
विश्वकर्मा जी को दुनिया का सबसे पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है, इसलिए इस दिन व्यापार, उद्योगों, फैक्ट्रियों और हर प्रकार की मशीन की पूजा की जाती है।
विश्वकर्मा जी की पूजा करने से व्यक्ति पर भगवान विश्वकर्मा की कृपा-दृष्टि होती है और वो व्यक्ति अपने व्यवसाय में तरक्की करता है।
विश्वकर्मा पूजा कैसे करें ?
- भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने के लिए सबसे पहले पूजा और यज्ञ की सामग्री इक्ट्टी करें।
- चावल से भरा पात्र समर्पित कर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित करें और वरुण देव का आवाहन करें।
- भगवान विश्वकर्मा की पूजा और यज्ञ पूरी विधि विधान से करना चाहिए। इसके लिए यज्ञकर्ता अपनी पत्नी के साथ पूजा स्थान पर बैठे और भगवान विष्णु का ध्यान करें।
- इसके बाद हाथों में फूल, चावल लेकर मंत्र पढ़ें और चावल चारों ओर छिड़के, फिर अपने हाथ में रक्षासूत्र बांधे और अपनी पत्नी के हाथों में भी रक्षासूत्र बांधे।
- हाथ में लिया पुष्प थाली में रखें। इसके बाद मन में भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करके दीप जलाएं और जल के साथ पुष्प तथा सुपारी लेकर संकल्प sकरें।
- भूमि पर अष्टदल कमल बनाकर उस पर जल डालें, इसके बाद पंचपल्लव,सुपारी, दक्षिणा कलश में डालकर कपड़े से कलश की तरफ अक्षत चढ़ाएं।
- पुष्प चढ़ाकर कहना चाहिए- ‘हे विश्वकर्माजी,मेरी पूजा स्वीकार कीजिए’। इस प्रकार पूजा के बाद विभिन्न प्रकार के औजारों और यंत्रों आदि की पूजा और हवन सम्पन्न करें।