दिवाली का त्यौहार हिंदूओं का प्रमुख त्यौहार है। भगवान श्रीराम के अयोध्या वापस लौटने की खुशी में दिवाली का पर्व मनाया जाता है।
दीपावाली पर लक्ष्मी माता को प्रसन्न करने के लिए आप घर की साज-सजावट पर खूब ध्यान देते हैं, लेकिन साज-सजावट से माँ लक्ष्मी प्रसन्न नहीं होती है।
लक्ष्मी माता को प्रसन्न करने के लिए सबसे जरूरी है कि आप माता लक्ष्मी की पूजा विधि विधान से करें। इसलिए दीपावली की रात भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और देवी सरस्वती के साथ कुबेर महाराज की भी पूजा की जाती है।
लक्ष्मी पूजा कब है ?
लक्ष्मी पूजा 07 नवंबर 2018 को संपन्न की जाएगी।
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त :-17:57 से लेकर19:53
लक्ष्मी पूजा मंत्र
या सा पद्मासनस्था, विपुल-कटि-तटी, पद्म-दलायताक्षी।
गम्भीरावर्त-नाभिः, स्तन-भर-नमिता, शुभ्र-वस्त्रोत्तरीया।।
लक्ष्मी दिव्यैर्गजेन्द्रैः। मणि-गज-खचितैः, स्नापिता हेम-कुम्भैः।
नित्यं सा पद्म-हस्ता, मम वसतु गृहे, सर्व-मांगल्य-युक्ता।।
लक्ष्मी पूजा विधि
- दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी की पूजा करने से पहले पूजा स्थल को गंगाजल से छिड़कर शुद्ध कर लें।
- घर के पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और उस चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाना चाहिए।
- इसके बाद माँ लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर उस चौकी पर स्थापित करें।
- देवी लक्ष्मी के सामने जल से भरे एक कलश की स्थापना करें।
- इसके बाद माँ लक्ष्मी को तिलक लगाएं और साथ में सभी देवी देवताओं को भी तिलक करें।
- माँ लक्ष्मी को फल, फूल, मिठाई, खील, बताशे आदि चढाएं।
- माँ की पूजा करते समय 11 छोटे दिए और एक बड़ा दिया जलाएं।
- पूजा सम्पन्न करने के बाद माँ लक्ष्मी की आरती करनी चाहिए।
- माँ लक्ष्मी की आरती करने के बाद प्रसाद का भोग लगाकर और सभी में उस प्रसाद को बाँटना चाहिए।