धन और वैभव की कामना हर मनुष्य के मन में होती है और इसे पाने के लिए लोग लगातार प्रयास भी करते है, लेकिन हर किसी के जीवन में माँ लक्ष्मी की कृपा नहीं होती।
माँ लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए उन्हें प्रसन्न करना चाहिए और साथ ही ऐसा भी कहा जाता है कि धन की देवी आसानी से प्रसन्न नहीं होती हैं।
माँ लक्ष्मी अपने भक्तों की धन से जुड़ी हर समस्याएं को दूर करती हैं।साथ हीदेवी लक्ष्मी साधकों को यश और कीर्ति भी प्रदान करती हैं।
शास्त्रों में ऐसा कहा गया हैं कि जिस व्यक्ति पर देवी लक्ष्मी की कृपा हो, उसे जीवन में कभीभीकिसी चीज़ की कमी नहीं होती है।
देवी लक्ष्मीको प्रसन्न करने के लिए कुछ नियम और सावधानियां है जिनके बारे में आपको पता होना बेहद ज़रूरी है। अगर आप भी पाना चाहते हैं माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद तो उनकी पूजा-उपासना के नियमों को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए।
पूजा के नियम और सावधानियाँ
- माँ लक्ष्मी की पूजा सफेद या गुलाबी कपड़े पहनकर ही करनी चाहिए।
- देवी लक्ष्मी की पूजा आधी रात कोकरना सबसे उत्तम माना जाता है।
- पूजा करते समय बैठने का आसन ऊनी होतो श्रेष्ठ होता है। साथ ही देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए समय, मूर्ति,स्थान,जप-मन्त्र, पूजा सामग्री आदि का विशेष महत्वहोता है।
- माँ लक्ष्मी के उस स्वरूप की पूजा करनी चाहिए, जिसमें देवी गुलाबी कमल के पुष्प पर बैठी हों और साथ ही ये भी ध्यान रखें कि प्रतिमा के हाथों से धन बरसता हुआ दिख रहा हो।
- माँ लक्ष्मी को गुलाबी फूल खासतौर पर कमल चढ़ाना सर्वोत्तम होता है।
- माँ लक्ष्मी के मन्त्रों का जाप स्फटिक की माला से करने पर मंत्र तुरंत प्रभावशाली होता है।
- गंगाजल को कभी भी प्लास्टिक की बोतल में या किसी अपवित्र धातु के बर्तन में नहीं रखना चाहिए। अपवित्र धातु जैसे एल्युमिनियम और लोहे से बने बर्तन। गंगाजल तांबे के बर्तन में रखना बहुत शुभ होता है।
- मंदिर और देवी-देवताओं की मूर्ति के सामने कभी भी पीठ दिखाकर नहीं बैठना चाहिए।