दिवाली से एक दिन पहले मनाये जाने वाला त्यौहार नरक चतुर्दशी है। जिसे छोटी दिवाली, रूप चौदस या रूप चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है।
धर्म ग्रंथो के अनुसार इस दिन जो व्यक्ति सूर्योदय से पहले स्नान करता है वह नरक का भागी नहीं होता है,लेकिन जो व्यक्ति सूर्योदय के बाद स्नान करता है उसके एक वर्ष के सभी पुण्यकार्य समाप्त हो जाते हैं।
नरक चतुर्दशी के दिन कौन से उपाय करें:
- नरक चतुर्दशी के दिन सर्वप्रथम लाल चंदन,गुलाब के फूल तथा रोली के पैकेट की पूजा करके, उसके बाद इन्हें एक लाल कपड़ें में बांधकर तिजोरी में रख दें। इस उपाय को करने से धन की प्राप्ति होती है।
- इस दिन स्नान से पहले शरीर पर तिल्ली का तेल जरूर लगाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन तिल्ली के तेल में लक्ष्मी जी और जल में गंगा जी का निवास होता हैं। तेल लगाने से पहले शरीर पर उबटन भी लगाना चाहिए। पानी में हल्दी और कुमकुम डालकर स्नान करना सर्वोत्तम होता है।
- नरक चतुर्दशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लेना चाहिए। स्नान करने के बाद यमराज का तर्पण करके तीन अंजलि जल अर्पित करना चाहिए।
- इस दिन स्नान करने के बाद विष्णु मंदिर या कृष्ण मंदिर में जाकर भगवान के दर्शन करने चाहिए। इससे व्यक्ति के सभी पापोंका नाश होता है।
- नरक चतुर्दशी परशाम के समय घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर 4 बत्तियों का दीपक जलाकर धर्मराज का ध्यान करते हुए पूर्व दिशा की ओर मुख करके दीपदान करना चाहिए। इससे उस घर में अकाल मृत्यु नहीं होती है।
- सनत कुमार संहिता के अनुसार नरक चतुर्दशी के दिन यमराज के नाम का दीपदान करने से पितरों को स्वर्ग का मार्ग प्राप्त होता है और नरक से मुक्ति मिलती है।
- नरक चतुर्दशी के दिन भगवान वामन और राजा बलि का स्मरण करने से आपके घर में माँ लक्ष्मी का स्थायी रूप मेंआगमन होता है।