गणपति विसर्जन 2018 –गणेश चतुर्थी के अंत में किए जाने वाले गणेश विसर्जन के बारे में पडे।
गणेश विसर्जन
गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश को लोग अपने घर लेकर आते है और पूरी विधि-विधान के साथ भगवान गणेश की स्थापना करते है। जब गणेशजी को विदा करने का वक्त आता है, तो उसे गणेश विसर्जन कहते है। गणेश चतुर्थी के दौरान गणपति जी को कई लोग एक दिन, तीन दिन, पांच दिन, सात दिन या फिर पूरे दस दिन के लिए अपने घर में स्थापित करते है। इसके बाद गणपति की मूर्ति का विसर्जन करते है।
ऐसा माना जाता है कि गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश कैलाश पर्वत छोडकर धरती पर अपने भक्तों को आशीर्वाद देने आते है। उसके बाद जब गणपति को अलविदा किया जाता है, तब वह वापस अपने घर कैलाश पर्वत लौटते है। जिस उत्साह के साथ गणपति जी को लोग अपने घर लेकर आते है, उसी उत्साह के साथ ही उनका विसर्जन भी करते है।
गणपति विसर्जन से पहले भगवान गणेश की पूजा करके, उनका मंत्र उच्चारण और आरती करने के बाद उन्हें मोदक और अन्य मिठाई का भोग लगाया जाता है। इसके बाद भोग जो भगवान गणेश को लगाया जाता है, वह भोग भक्तों में बांट दिया जाता है।
गणपति विसर्जन करते वक्त उनकी यात्रा मंगलमय हो और साथ ही भक्तजन यह भी प्रार्थना करते है कि पूरे वर्ष उन पर गणेश जी कृपा बनी रहे है।
गणपति विसर्जन का दिन और मुहूर्त
इस साल गणपति विसर्जन 23 सितंबर 2018 को है।
विसर्जन का शुभ मुहूर्त सुबह 07:45 से लेकर 12:15 मिनट तक होगा।
विसर्जन का शुभ मुहूर्त दोपहर 01:45 से लेकर 03:14 मिनट तक है।
विसर्जन का शुभ मुहूर्त शाम 06:14 से लेकर 10:44 मिनट तक है।
विसर्जन का शुभ मुहूर्त रात 01:44 से लेकर 03:15 मिनट तक है।