हिन्दू धर्म में दिवाली का त्यौहार सबसे महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है जो निरंतर 5 दिनों तक मनाया जाता है। इन पांच दिनों में सर्वप्रथम धनतेरस, नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली, दिवाली, गोवर्धन व भैया दूज का त्यौहार मनाते है। यहाँ हम आपको दिवाली के प्रत्येक दिन की तिथि व पूजा मुहूर्त प्रदान कर रहे है।
Signifiance of Dhanteras:
दिवाली के प्रथम दिन धनतेरस मनाया जाता है जो मुख्य रूप से भगवान धनवंतरी को समर्पित होता है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनवंतरी की पूजा की परंपरा है। इस दिन मां लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा भी की जाती है, साथ ही नए बर्तन, सोने व चांदी के आभूषण खरीदने का रिवाज़ है।
धनतेरस 2020 पूजा मुहूर्त (Dhanteras Puja Muhurat 2020)
धनतेरस तिथि: 13 नवम्बर 2020, शुक्रवार
धनतेरस पूजन मुहूर्त: शाम 05:25 बजे से शाम 05:59 बजे तक।
प्रदोष काल: शाम 05:25 से रात 08:06 बजे तक।
वृषभ काल: शाम 05:33 से शाम 07:29 बजे तक।
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 12 नवंबर 2020 की रात 09:30 बजे से।
त्रयोदशी तिथि समाप्त: 13 नवम्बर 2020 की शाम 05:59 बजे तक।
Significance of Narak Chaturdashi:
धनतेरस के दूसरे दिन छोटी दिवाली मनाई जाती है। कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि को छोटी दिवाली व नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सुबह स्नान करके यम तर्पण एवं शाम के समय दीप दान का विशेष महत्व होता है।
छोटी दिवाली 2020 या नरक चतुर्दशी 2020 (Chhoti Diwali or Narak Chaturdashi 2020 Puja Muhurat)
छोटी दिवाली-नरक चतुर्दशी तिथि: 14 नवम्बर 2020, शनिवार
अभ्यंग स्नान मुहूर्त: शाम 05:23 बजे से सुबह 06:43
नरक चतुर्दशी के दिन चन्द्रोदय का समय: प्रातःकाल 05:23
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ: 13 नवम्बर 2020 को शाम 05:59 बजे से।
चतुर्दशी तिथि समाप्त: 14 नवम्बर 2020 को दोपहर 02:17 बजे तक।
Significance of Diwali:
दिवाली का त्यौहार अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक माना जाता है। इस पर्व को दीप उत्सव भी कहा जाता है जो कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को धूमधाम से मनाते है। दिवाली पर प्रदोष काल में महालक्ष्मी एवं गणेश पूजन का विधान है। पौराणिक मान्यतानुसार, दिवाली के दिन माता लक्ष्मी धरती पर भ्रमण के लिए आती है।
दिवाली पूजा मुहूर्त 2020 (Diwali 2020 Date & Puja Muhurat)
दिवाली की तिथि: 14 नवम्बर 2020, शनिवार
दिवाली पर लक्ष्मी पूजा मुहूर्त 2020: शाम 05:28:04 से 07:24:54 तक।
प्रदोष काल: शाम 05:28 से 08:07 तक।
वृषभ काल: शाम 05:28:04 से 07:24:54 तक।
दिवाली महानिशीथ काल मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त: 23:59:20 से 24:32:26 तक।
महानिशीथ काल रात्रि: 11:39:20 से 12:32:26 तक।
सिंह काल रात्रि: 11:59:35 से 02:16:15 तक।
दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त
अपराह्न मुहूर्त्त (लाभ, अमृत): 14:20:25 से 16:07:08 तक।
सायंकाल मुहूर्त्त (लाभ): 17:27:41 से 19:07:14 तक।
रात्रि मुहूर्त्त (शुभ, अमृत, चल): 20:46:47 से 25:45:26 तक।
उषाकाल मुहूर्त्त (लाभ): 29:04:32 से 30:44:04 तक।
Significance of Govardhan Puja:
दीपावली के अगले दिन यानि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जाता है| यह पर्व अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता हैं| हिन्दू धर्म में गोवर्धन पूजा की परंपरा द्वापर युग से ही चली आ रही है।
गोवर्धन पूजा मुहूर्त 2020 (Govardhan 2020 Date and Time)
गोवर्धन पूजा तिथि: 15 नवम्बर 2020, रविवार
गोवर्धन पूजा मुहूर्त
गोवर्धन पूजा सायंकाल मुहूर्त: 15:18:37 से 17:27:15 तक।
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ: 15 नवम्बर 2020 को प्रातःकाल 10:36 बजे से।
प्रतिपदा तिथि समाप्त: 16 नवम्बर 2020 को प्रातःकाल 07:06 बजे तक।
Significance of Bhai Dooj:
हिंदू धर्म में भाईदूज का त्योहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस त्यौहार को कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। भाई दूज को यम द्वितीया भी कहते हैं जो दिवाली के दो दिन बाद आती है। इस दिन बहन अपने भाई का तिलक कर उसकी लम्बी आयु की प्रार्थना करती है।
भैया दूज 2020 (Bhai Dooj 2020 Puja Muhurat)
भैया दूज तिथि: 16 नवम्बर 2020, सोमवार
भाई दूज तिलक मुहूर्त
भाई दूज तिलक का समय: 13:10:03 से 15:18:27 तक
द्वितीया तिथि प्रारम्भ: 16 नवम्बर 2020 को प्रातःकाल 07:06 बजे से।
द्वितीया तिथि समाप्त: 17 नवम्बर 2020 को प्रातःकाल 03:56 बजे तक।
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