क्या होता है शनि का पाया? शुभ-अशुभ शनि का पाया और इसके प्रभाव हिंदी में | शिवॉलजी


What is Shani Paaya and its Effects in Hindi

शनि पाया और इसके प्रभाव क्या हैं?

Basic Astrology

1 min read



पाया या मूर्तिनिर्णय गोचर में ग्रहो के अनुसार फलकथन करने के लिए एक विशेष विधि है | किसी भी व्यक्ति की जन्म राशि से शनि जिस भी भाव में गोचर कर रहा होता है| उसके अनुसार शनि के पाया अर्थात मूर्तिनिर्णय के फल का विचार किया जाता है| मूर्तियां चार प्रकार की होती है (1) स्वर्ण (2) रजत (3) ताम्र (4) लोह | इनमें स्वर्ण मूर्ति सबसे अधिक शुभ होती है और घटते हुए क्रम के अनुसार लोह मूर्ति सबसे कम शुभ मानी जाती है |

शनि के साथ-साथ यह भी अवश्य विचार करे की उसे समय गोचर में चन्द्रमा किस राशि में स्थित है |

स्वर्ण मूर्ति - जब शनि गोचर में किसी व्यक्ति की जन्म राशि से 1, 6, 11 भाव में भ्रमण करते है तो शनि के पाये स्वर्ण के माने जाते है| यह जातक के लिए अत्यधिक शुभ एवं स्वर्णिम परिणाम देने वाला होता है |

रजत मूर्तिजब शनि गोचर में किसी व्यक्ति की जन्म राशि से 2, 5, 9 भाव में भ्रमण करते है तो शनि के पाद रजत के माने जाते है| यह जातक को जीवन में आगे बढ़ने के अच्छे अवसर प्रदान करता है |

ताम्र मूर्तिजब शनि गोचर में किसी व्यक्ति की जन्म राशि से 3, 7, 10 भाव में भ्रमण करते है तो शनि के पाये  ताम्र के माने जाते है| यह जातक को मध्यम होकर मिश्रित फल प्रदान करता है |

लोह मूर्तिजब शनि गोचर में किसी व्यक्ति की जन्म राशि से 4, 8, 12 भाव में भ्रमण करते है तो शनि के पाये लोह के माने जाते है| यह जातक को परेशानियां और समस्याएं देता है |



Trending Articles



Get Detailed Consultation with Acharya Gagan
Discuss regarding all your concerns with Acharyaji over the call and get complete solution for your problem.


100% Secured Payment Methods

Shivology

Associated with Major Courier Partners

Shivology

We provide Spiritual Services Worldwide

Spiritual Services in USA, Canada, UK, Germany, Australia, France & many more