यमुनोत्री धाम मंदिर की सम्पूर्ण जानकारी, रहस्य, विशेषता और कैसे पहुंचे? | शिवॉलजी


Importance of Yamunotri Temple

यमुनोत्री मंदिर की विशेषता

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यमुनोत्री मंदिर

यमुनोत्री मंदिर उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है। यमुनोत्री धाम हिंदुओं के छोटे चार धामों में से एक है। यमुनोत्री मंदिर गढवाल हिमालय के पश्चिम में समुद्र तल से 3235 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यह मंदिर भगवान यम और देवी यमी को समर्पित है।

 

यमुनोत्री मंदिर के बारे में

यमुनोत्री मंदिर चार धाम यात्रा में से पहला धाम है अर्थात् इस स्थान से यात्रा की शुरूआत होती है। यमुनोत्री का मंदिर देवी यमुना को समर्पित है। यमुना नदी भारत की प्रमुख नदियों में से एक है। सप्तऋषि कुंड नामक सरोवर से यमुना नदी निकलती है। इस मंदिर में भगवान यम और देवी यमी मूर्ति के रूप में विराजमान है। कलिन्द पर्वत से पिघलकर यहाँ पर यमुना जल के रूप में गिरती है। इसलिए यमुना को कालिन्दी के नाम से भी जाना जाता है।

 

यमुनोत्री मंदिर की विशेषता

विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के पवित्र दिन पर खुलते है और दिवाली के दूसरे दिन मंदिर के द्वार बंद कर दिए जाते है।

इस मंदिर में पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाती है और यहाँ पर पिंड दान का विशेष महत्व होता है। श्रद्धालु अपने पितरों का पिंड दान इस मंदिर के परिसर में करते है।

यमुनोत्री का वास्तविक स्त्रोत जमी हुई बर्फ की एक झील और हिमनंद है, जो समुद्र तल से 4421 मीटर की ऊँचाई पर कालिंद पर्वत पर स्थित है।

यमुना के इस जल की परिशुद्धता, निष्कलुशता और पवित्रता के कारण भक्तों के मन में यमुना के प्रति अपार श्रद्धा बढ जाती है।

यमुनोत्री मंदिर तीहरी नरेश सुदर्शन शाह द्वारा 1839 में बनाया गया था, लेकिन बर्फ और बाढ़ के कारण मंदिर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था।  इसे जयपुर की महारानी गुलारिया ने 19वीं सदी में पुन: बनाया था।

यमुनोत्री के आसपास कई आकर्षक जगह है जैसे सूर्य कुंड, सप्तऋषि कुंड और हनुमान कुंड है,  जिनकी आप यात्रा कर सकते है ।

सूर्य कुंड अपने उच्चतम तापमान के लिए जाना जाता है। भक्तजन देवी को प्रसाद के रूप में चढाने वाले चावल और आलू को एक कपडे की पोटली में बांधकर इसी कुंड के गर्म पानी में पकाते है।

 

यमुनोत्री मंदिर कैसे पहुँचे ?

हवाई जहाज

यमुनोत्री के नजदीक स्थित हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है, जो यमुनोत्री से लगभग 210 किलोमीटर दूर है। देहरादून हवाई अड्डा अन्य शहरों से जुडा हुआ है। यहाँ से बस या टैक्सी की सेवाएं उपलब्ध है, जो कि हनुमान चट्टी तक चलती है। यही से यमुनोत्री की यात्रा शुरू होती है।

रेलवे स्टेशन

यमुनोत्री के नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश और देहरादून में स्थित है। देहरादून से यमुनोत्री 175 किमी. दूर है, जबकि ऋषिकेश से 200 किमी. दूर है। ऋषिकेश और देहरादून भारत के सभी प्रमुख शहरों से रेल द्वारा जुड़े हुए है। यहाँ से बस और टैक्सी द्वारा हनुमान चट्टी तक पहुंच सकते है और फिर यमुनोत्री की यात्रा कर सकते है।

सडक द्वारा

उत्तराखंड राज्य के सभी प्रमुख पर्यटक स्थल सड़कों से अच्छी तरह से जुड़े हुए है। यमुनोत्री यात्रा हनुमान चट्टी से शुरू होती है। हनुमान चट्टी के लिए टैक्सी और बसें ऋषिकेश, देहरादून, उत्तरकाशी और तेहरी से चलती हैं।



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