खजुराहो मंदिर
मध्यप्रदेश राज्य के छतरपुर जिले में स्थित है खजुराहो मंदिर। यह मंदिर झाँसी से 175 किमी. दूर दक्षिण में स्थित है। यह एक विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है और यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साईट में शामिल किया गया है। खजुराहो मंदिर अपनी नागरा आकृति, कलात्मक कलाकृति और कामोत्तेजक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है।
खजुराहो मंदिर के बारे में
मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित खजुराहो मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। खजुराहो को प्राचीन काल में खजूरपुरा और खजूर वाहिका के नाम से भी जाना जाता था। खजुराहो को इसके अलंकृत मंदिरों की वजह से जाना जाता है, जो देश के सर्वोत्कृष्ठ मध्यकालीन स्मारक हैं। खजुराहो का इतिहास लगभग एक हजार साल पुराना है। यह शहर चन्देल साम्राज्य की प्रथम राजधानी थी और चन्देल वंश तथा खजुराहो के संस्थापक चन्द्रवर्मन थे। खजुराहो के मंदिरों का निर्माण 950 से 1050 ईसवीं के बीच चन्देल राजाओं द्वारा किया गया था ।
खजुराहो मंदिर की विशेषता
खजुराहो के बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कामकला के आसनों में दर्शाए गए स्त्री-पुरूषों के चेहरे पर एक अलौकिक और दैवी आनंद की आभा झलकती है।
यह मंदिर और इनकी मूर्तिशिल्प भारती स्थापत्य और कला की अमूल्य धरोहर है। इन मंदिरों की भव्यता, सुंदरता और प्राचीनता को देखते हुए ही इन्हें विश्व धरोहर में शामिल किया गया है।
खजुराहो कैसे पहुँचे ?
खजुराहो भारत के सभी प्रमुख शहरों जैसे कानपुर, दिल्ली झांसी और अन्य शहरों से जुडा हुआ है। हवाई जहाज, रेल और सडक द्वारा आप खजुराहो पहुँच सकते हो।
हवाई जहाज
खजुराहो शहर का अपना एक हवाई अड्डा है जो शहर से सिर्फ 08 किमी. दूर है। हवाई अड्डे से खजुराहो तक पहुँचने के लिए आपको टैक्सी या जीप की सेवा लेनी होगी। यहाँ हवाई अड्डा वर्तमान समय में दिल्ली और वाराणसी से भी जुडा हुआ है।
दूसरा सबसे अच्छा विकल्प जबलपुर हवाई अड्डा है, जो खजुराहो से 270 किमी. दूर है। यहाँ से आप टैक्सी द्वारा आगे की यात्रा कर सकते है।
रेलवे स्टेशन
खजुराहो में एक रेलवे स्टेशन है, लेकिन वहां केवल कुछ ही ट्रेनें रुकती हैं, यह खजुराहो शहर से सिर्फ 5 किमी. दूर है। दूसरा रेलवे स्टेशन महोबा है, जो खजुराहो से 63 किमी दूर है। यहाँ से मुंबई, मथुरा, इलाहाबाद, वाराणसी, ग्वालियर, जबलपुर, कोलकाता आदि ट्रेनें नियमित रूप से चलती हैं।
सडक द्वारा
खजुराहो शहर झांसी, ओरछा, चित्रकूट, सतना, कटनी, बांधवगढ़, छतरपुर, भोपाल, ग्वालियर आदि से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आमतौर पर पर्यटक ट्रेन द्वारा झांसी रेलवे स्टेशन पहुंचे कर वहाँ से आगे की यात्रा करते है।