गुरू पुष्य योग
जिस प्रकार शेर सभी जानवरों का राजा होता है, ठीक उसी प्रकार गुरु पुष्य योग भी सभी योगों में सर्वश्रेष्ठहोताहै। ऐसा माना जाता है कि इस योग में किया गयाप्रत्येक कार्य सफल होता हैं। इसलिए लोग गुरु पुष्य योग में अपने नए कार्य का श्रीगणेश करते है और ये बहुत शुभ होता हैं। लोग इस अवसर पर अपना नए व्यापार का आरंभ, नई प्रॉपर्टी तथा नया वाहन आदि ख़रीदते हैं।
अगर पुष्यनक्षत्र गुरुवार को होता है, तो इसे शास्त्रों में बहुत ही उत्तम माना जाता है। ये नक्षत्र अशुभ समय को भी शुभ समय में परिवर्तित कर देता है और इसी कारण 27 नक्षत्रों में इसे सबसे शुभ नक्षत्र माना गया है।
शास्त्रों के अनुसार यह माना गया है कि इसी नक्षत्र में धन तथा वैभव की देवी लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था। जब पुष्य नक्षत्र गुरुवार के दिन पड़ता है, तो इसे गुरु पुष्यामृत योग कहते हैं। ये योग धनतेरस, चैत्र प्रतिपदा के समान ही शुभ हैं।
इस योग में धन, भूमि खरीदना, विद्या ग्रहण करना, आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करना, धार्मिक अनुष्ठान करना,विदेश यात्रा करना, नया वाहन खरीदना या नई प्रॉपर्टी खरीदना इत्यादि कर सकते है।
ग्रहों की विपरीत दशा के बावजूद भी यह योग बहुत शक्तिशाली है। इसके प्रभाव में आकर सभी बुरे प्रभाव दूर हो जाते हैं, लेकिन ऐसा कहा जाता हैं कि इस योग में विवाह जैसे शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। शास्त्रों में भी वर्णन है कि इस दिन किया हुआ विवाह कभी भी सुखदायक नहीं होता है।
गुरू पुष्य योग |
आरंभ काल |
समाप्ति काल |
जनवरी 2019 |
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जनवरी में कोई गुरू पुष्य योग नहीं है। |
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फरवरी 2019 |
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फरवरी में कोई गुरू पुष्य योग नहीं है। |
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मार्च 2019 |
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मार्च में कोई गुरू पुष्य योग नहीं है। |
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अप्रैल 2019 |
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अप्रैल में कोई गुरू पुष्य योग नहीं है। |
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जून 2019 |
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06 जून, (गुरूवार) |
20:29 |
29:27+ |
जुलाई 2019 |
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04 जुलाई, (गुरूवार) |
5:32 |
26:31+ |
अगस्त 2019 |
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01 अगस्त, (गुरूवार) |
5:46 |
12:12 |
सितंबर 2019 |
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सितंबर में कोई गुरू पुष्य योग नहीं है। |
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अक्टूबर 2019 |
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अक्टूबर में कोई गुरू पुष्य योग नहीं है। |
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नवंबर 2019 |
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नवंबर में कोई गुरू पुष्य योग नहीं है। |
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दिसंबर 2019 |
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दिसंबर में कोई गुरू पुष्य योग नहीं है। |