द्विपुष्कर योग
द्विपुष्कर योग अर्थात दोगुना फल देने वालायोग। इस योग के दौरान यदि कोई भी शुभ कार्य करता है, तो उसको दोगुना लाभ मिलता है और यदि किसी कारणवश हानि हो जाती है, तो हानि भी दोगुनी होती है। हमारे शास्त्रों में अच्छे मुहूर्त और योग के बारे में बताया गया है, उसको दोगुना करने वाला योग द्विपुष्कर योग कहलाता है।
शास्त्रों के अनुसार, यह योग वारों और नक्षत्रों के संयोग से बनता है। हिंदू धर्म मे हर कार्य का अपना खास महत्व होता है, इसलिए किसी भी कार्य को करने के लिए विशेष मुहूर्त की गणना की जाती है जिसे शुभ मुहूर्त और शुभयोग कहा जाता है। द्विपुष्कर योग में किया हुआ कोई भी शुभ कार्य दोगुना फल देता है।इस दिन आप कोई भी शुभ कार्य कर सकते है,जैसे सम्पत्ति खरीदना,धन का विनियोग या किसी भी नए कार्य का प्रारम्भ आदि।
द्विपुष्कर योग |
आरंभ काल |
समाप्त काल |
26 जनवरी,(शनिवार) |
16:19 |
31:16+ |
27 जनवरी, (रविवार) |
7:16 |
14:25 |
फरवरी 2019 |
||
05 फरवरी, (मंगलवार) |
29:15+ |
31:11+ |
मार्च 2019 |
||
31 मार्च, (रविवार) |
30:04+ |
30:16+ |
अप्रैल 2019 |
||
अप्रैल में कोई द्विपुष्कर योग नहीं है। |
||
मई 2019 |
||
25 मई, (शनिवार) |
10:16 |
29:30+ |
26 मई, (रविवार) |
5:30 |
8:49 |
जून 2019 |
||
04 जून, (मंगलवार) |
13:57 |
23:09 |
जुलाई 2019 |
||
28 जुलाई, (रविवार) |
19:19 |
29:45+ |
अगस्त 2019 |
||
06 अगस्त, (मंगलवार) |
13:30 |
22:24 |
सितंबर 2019 |
||
21 सितंबर, (शनिवार) |
11:23 |
20:21 |
29 सितंबर, (रविवार) |
20:14 |
30:17+ |
अक्टूबर 2019 |
||
अक्टूबर में कोई द्विपुष्कर योग नहीं है। |
||
नवंबर 2019 |
||
23 नवंबर, (शनिवार) |
14:46 |
27:43+ |
दिसंबर 2019 |
||
03 दिसंबर, (मंगलवार) |
7:02 |
14:18 |