मंगला गौरी व्रत पूजा की सम्पूर्ण जानकारी मुहूर्त और पूजा विधि सहित | शिवॉलजी


Mangala Gauri Vrat Puja Vidhi

मंगला गौरी व्रत

Puja Vidhi

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हिंदू धर्म में मंगला गौरी व्रत का बहुत महत्व है। यह त्यौहार सावन के महीने में आता है और इस व्रत को मंगलवार के दिन किया जाता है। यह व्रत माँ पार्वती को समर्पित है। इस व्रत को करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है। जिस व्यक्ति की कुंडली में किसी भी प्रकार का दोष, विवाह दोष या शादी में देरी हो रही है, तो उसे इस व्रत को अवश्य करना चाहिए।

शास्त्रों के अनुसार सावन के महीने में मंगलवार के दिन मंगला गौरी व्रत करने का विधान है। इस व्रत को करने से सुहागन महिलाओं को अखण्ड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह हर मनोकामनाओं को पूरा करने वाला और प्रभावशाली व्रतों में से एक है। इस व्रत को महिलाएं अपने पति और संतान की लंबी आयु तथा सुखी जीवन की कामना के लिए करती है।

 

मंगला गौरी व्रत कब-कब है?

इस साल मंगला गौरी व्रत 31 जुलाई, 07 अगस्त, 14 अगस्त, 21 अगस्त 2018 को संपन्न किया जाएगा।

 

पूजा विधि

  • अगर आप सावन के महीने में माँ मंगला गौरी का व्रत कर रहे हैं, तो सुबह सूर्य उदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए।
  • उसके बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें।
  • इस दिन माँ पार्वती की पूजा करते हुए उनका ध्यान करें और साथ ही इस दिन अन्न को ग्रहण नहीं करना चाहिए।
  • माँ मंगला गौरी की रोली-चावल से पूजा करके सोलह श्रृंगार की वस्तुएं चढ़ाये। उसके बाद सोलह तरह की सभी चीजों- फूल, माला, फल, पत्ते, आटे के लड्डू, पान, सुपारी, लोंग, इलायची तथा पंचखो इत्यादि प्रसाद का भोग लगाए।
  • इसके बाद मंगला गौरी व्रत की कथा करें और आरती करके इस व्रत को सम्पन्न करें|


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