अम्बुबाची मेला
कामाख्या मंदिर देवी सती के 51 शक्तिपीठों में से एक है। यहाँ माँ कामाख्या की पूजा की जाती है। अम्बुबाची मेले के दौरान कामाख्या मंदिर तीन दिनों के लिए बंद रहता है। ऐसा कहा जाता है की इन दिनों में माँ कामाख्या मासिक धर्म से गुजरती है। चौथे दिन जब मंदिर खुलता है, तो इस दिन माँ की विशेष पूजा अर्चना की जाती है और इसके बाद प्रसाद के रूप में अंग वस्त्र, सिंदूर आदि भक्तों के बीच में बांट दिया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यह जगह पूरे ब्रह्मांड का केंद्र बिंदु है। इस मंदिर में देवी कामाख्या की दस महाविद्याओं की भी पूजा की जाती है। कामाख्या मंदिर तांत्रिक सिद्धियाँ प्राप्त करने के लिए एक प्रसिद्ध मंदिर है।
पूजा विधि
- माँ कामाख्या की पूजा करने से पहले पूजा स्थान या चौकी को साफ करके फूलों से सजा लें।
- कन्याओं को अपने घर आमंत्रित करें।
- कन्या पूजन करके उन्हें नए कपडे देकर भोजन करवाए।
- आप माँ कामाख्या को प्रसन्न करने लिए भंडारे का आयोजन कर सकते है।
- इसके बाद कामाख्या देवी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।